भोई वंश: Difference between revisions
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*गोविन्द विद्यासागर 'भोई' अथवा 'लेखक' वर्ग का था। | *गोविन्द विद्यासागर 'भोई' अथवा 'लेखक' वर्ग का था। |
Latest revision as of 06:56, 4 April 2012
भोई वंश ने 1542 से 1559 ई. तक उड़ीसा पर शासन किया। उड़ीसा में इस वंश की स्थापना 'गजपति वंश' के बाद हुई थी। भोई वंश का प्रवर्तक 'गोविन्द विद्यासागर' को माना जाता है, जो उड़ीसा के पूर्ववर्ती शासक प्रतापरुद्र (1497-1540 ई.) का मंत्री था।
- गोविन्द विद्यासागर 'भोई' अथवा 'लेखक' वर्ग का था।
- इस वर्ग का होने के कारण ही उसका वंश 'भोई वंश' कहलाया।
- भोई वंश के इतिहास में केवल तीन राजा हुए।
- गोविन्द, उसका पुत्र तथा पौत्र और उनका शासन केवल 18 वर्ष तक ही चल सका।
- 'मुकुन्द हरिचन्दन' ने भोई वंश का अंत कर दिया।
- अन्ततः 1586 ई. में बंगाल के सुल्तान ने उड़ीसा को जीतकर अपने राज्य में मिला लिया।
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