एक पर्यटन स्थल: Difference between revisions

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==मुखपृष्ठ पर चयनित पर्यटन स्थल==
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Revision as of 14:29, 25 June 2013

मुखपृष्ठ पर चयनित पर्यटन स्थल

उदयपुर

right|120px|सिटी पैलेस काम्‍पलेक्‍स उदयपुर|link=उदयपुर|border

     उदयपुर को उत्तर भारत का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल माना जाता है। उदयपुर को 'झीलों का शहर' भी कहते हैं। पर्यटकों के आकर्षण के लिए यहाँ बहुत कुछ है। झीलों के साथ रेगिस्तान का अनोखा संगम केवल यहीं मिलता है। यह शहर अरावली पर्वतमाला के पास राजस्थान में स्थित है। उदयपुर के प्रमुख दर्शनीय स्थल यहाँ के शासकों द्वारा बनवाये गए महल, झीलें, बग़ीचे तथा स्‍मारक हैं। ये सभी चीज़ें हमें सिसोदिया-राजपूत शासकों के सदगुण, विजय तथा स्‍वतंत्रता की याद दिलाते हैं। इनका निर्माण उस समय हुआ जब मेवाड़ ने पहली बार मुग़लों की अधीनता स्‍वीकार की थी तथा बाद में अंग्रेज़ों की। ... और पढ़ें

मथुरा

right|120px|कृष्ण जन्मभूमि|link=मथुरा|border

     मथुरा उत्तर प्रदेश राज्य का एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगर है जो पर्यटन स्थल के रूप में भी बहुत प्रसिद्ध है। मथुरा, श्रीकृष्ण की जन्मस्थली और भारत की परम प्राचीन तथा जगद्-विख्यात नगरी है। पौराणिक साहित्य में मथुरा को अनेक नामों से संबोधित किया गया है जैसे- शूरसेन नगरी, मधुपुरी, मधुनगरी, मधुरा आदि। यहाँ के वन–उपवन, कुन्ज–निकुन्ज, श्री यमुना जीगिरिराज महाराज अत्यन्त मोहक हैं। पक्षियों का मधुर स्वर एकाकी स्थल को मादक एवं मनोहर बनाता है। मोरों की बहुतायत तथा उनकी पिऊ–पिऊ की आवाज़ से वातावरण गुन्जायमान रहता है। ... और पढ़ें

प्रयाग

right|100px|संगम, प्रयाग|link=प्रयाग|border

     प्रयाग का आधुनिक नाम इलाहाबाद है। प्रयाग उत्तर प्रदेश का एक प्राचीन तीर्थस्थान है जिसका नाम अश्वमेध आदि अनेक याज्ञ (यज्ञ) अधिक होने से पड़ा था। प्रयाग का मुस्लिम शासन में 'इलाहाबाद' नाम कर दिया गया था परंतु 'प्रयाग' नाम आज भी प्रचलित है। रामायण में इलाहाबाद, प्रयाग के नाम से वर्णित है। ऐसा माना जाता है कि यहाँ संगम स्थल पर भूमिगत रूप से सरस्वती नदी भी आकर मिलती है। इलाहाबाद का उल्लेख भारत के धार्मिक ग्रन्थों में भी मिलता है। वेद, पुराण, रामायण और महाभारत में इस स्थान को प्रयाग कहा गया है। ... और पढ़ें

साँची

right|100px|बुद्ध स्तूप, साँची|link=साँची|border

     साँची भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन ज़िले में स्थित एक छोटा सा गांव है। यह प्रसिद्ध स्थान, जहां अशोक द्वारा निर्मित महान स्तूप, जिनके भव्य तोरणद्वार तथा उन पर की गई जगत प्रसिद्ध मूर्तिकारी, भारत की प्राचीन वास्तुकला तथा मूर्तिकला के सर्वोत्तम उदाहरणों में हैं। यह बौद्ध की प्रसिद्ध ऐश्वर्यशालिनी नगरी विदिशा के निकट स्थित है। ... और पढ़ें

स्वर्ण मंदिर

right|130px|स्वर्ण मंदिर, अमृतसर|link=स्वर्ण मंदिर|border

     स्वर्ण मंदिर के आस पास के सुंदर परिवेश और स्वर्ण की पर्त के कारण ही इसे स्वर्ण मंदिर कहते हैं। यह अमृतसर (पंजाब) में स्थित सिक्खों का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। यह मंदिर सिक्ख धर्म की सहनशीलता तथा स्वीकार्यता का संदेश अपनी वास्तुकला के माध्यम से प्रदर्शित करता है, जिसमें अन्य धर्मों के संकेत भी शामिल किए गए हैं। ... और पढ़ें

सूर्य मंदिर कोणार्क

right|130px|सूर्य मंदिर कोणार्क|link=सूर्य मंदिर कोणार्क|border

  • कोणार्क के सूर्य मंदिर को गंग वंश के राजा नरसिम्हा देव प्रथम ने लगभग 1278 ई. में बनाया था।
  • कहा जाता है कि ये मंदिर अपनी पूर्व निर्धारित अभिकल्पना के आधार पर नहीं बनाया जा सका। मंदिर के भारी गुंबद के हिसाब से इसकी नींव नहीं बनी थी।
  • यहाँ के स्थानीय लोगों की मानें तो ये गुम्बद मंदिर का हिस्सा था पर इसकी चुम्बकीय शक्ति की वजह से जब समुद्री पोत दुर्घटनाग्रस्त होने लगे, तब ये गुम्बद हटाया गया। शायद इसी वज़ह से इस मंदिर को 'ब्लैक पैगोडा' भी कहा जाता है। ... और पढ़ें
हुमायूँ का मक़बरा

right|130px|हुमायूँ का मक़बरा|link=हुमायूँ का मक़बरा|border

  • हुमायूँ के मक़बरे का निर्माण 1565 से 1572 ईसवी के बीच फ़ारसी वास्तुविद् 'मिराक मिर्ज़ा ग़ियात' के वास्तु रूप-रेखा पर हुआ था।
  • यूनेस्को की विश्वदाय स्मारकों की सूची में शामिल 'हुमायूँ का मक़बरा' भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
  • मक़बरे की पूर्ण शोभा इसको घेरे हुए 30 एकड़ में फैले चारबाग़ शैली के मुग़ल उद्यानों से निखरती है। 18वीं शताब्दी तक यहाँ स्थानीय लोगों ने चारबाग़ों में सब्ज़ी आदि उगाना आरंभ कर दिया था ... और पढ़ें
सारनाथ

right|130px|सारनाथ स्तूप|link=सारनाथ|border

  • सारनाथ पहले घना वन था और यहाँ मृग-विहार किया करते थे। उस समय इसका नाम 'ऋषिपत्तन मृगदाय' था। ज्ञान प्राप्त करने के बाद गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश यहीं पर दिया था।
  • सन 1905 में पुरातत्त्व विभाग ने यहाँ खुदाई का काम किया, उस समय बौद्ध धर्म के अनुयायियों और इतिहासवेत्ताओं का ध्यान इस पर गया।
  • सारनाथ के इतिहास में सबसे गौरवपूर्ण समय गुप्तकाल था। उस समय यह मथुरा के अतिरिक्त उत्तर भारत में कला का सबसे बड़ा केंद्र था।
  • सम्राट अशोक के समय में यहाँ बहुत से निर्माण-कार्य हुए। सिंहों की मूर्ति वाला भारत का राजचिह्न सारनाथ के अशोक के स्तंभ के शीर्ष से ही लिया गया है ... और पढ़ें
हम्पी

right|100px|लक्ष्मी नरसिम्हा, हम्पी|link=हम्पी|border

  • हम्पी का नाम पम्पपति के कारण ही हुआ है। स्थानीय लोग 'प' का उच्चारण 'ह' करते हैं और पम्पापति को हम्पापति (हंपपथी) कहते हैं। हम्पी हम्पपति का ही लघुरूप है।
  • कृष्णदेव राय के शासनकाल में बनाया गया प्रसिद्ध हज़ाराराम मन्दिर विद्यमान हिन्दू मन्दिरों की वास्तुकला के पूर्णतम नमूनों में से एक है।
  • फ़र्ग्यूसन के विचार में यह फूलों से अलंकृत वैभव की पराकाष्ठा का द्योतक है, जहाँ तक यह शैली (वल्लरी शैली) विकसित हो चुकी थी।
  • भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित यह नगर यूनेस्को द्वारा विश्व के विरासत स्थलों की संख्या में शामिल है।... और पढ़ें
खजुराहो

right|100px|खजुराहो मंदिर|link=खजुराहो|border

  • खजुराहो की मूर्तियों की सबसे अहम और महत्त्वपूर्ण ख़ूबी यह है कि इनमें गति है, देखते रहिए तो लगता है कि शायद चल रही है या बस हिलने ही वाली है, या फिर लगता है कि शायद अभी कुछ बोलेगी, मस्कुराएगी, शर्माएगी या रूठ जाएगी।
  • कमाल की बात तो यह है कि ये चेहरे के भाव और शरीर की भंगिमाऐं केवल स्त्री पुरुषों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी दिखाई देती हैं। ... और पढ़ें
गोवा

right|150px|डोना पॉला तट, गोवा|link=गोवा

  • भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी किनारे पर स्थित गोवा एक छोटा-सा किन्तु बहुत सुन्दर राज्य है। यह उत्तर में महाराष्ट्र और दक्षिणी छोर से कर्नाटक द्वारा घिरा हुआ है।
  • स्वर्णिम इतिहास तथा विविधताओं का प्रतीक गोवा, पहले गोमानचला, गोपाकापट्टम, गोपाकापुरी, गोवापुरी, गोवाराष्ट्र इत्यादि महत्त्वपूर्ण नामों से मशहूर था।
  • गोवा के सुनहरे लम्बे समुद्र तट, आकर्षक चर्च, मन्दिर, पुराने क़िले और कलात्मक भग्नावशेषों ने पर्यटन को गोवा का प्रमुख उद्योग बना दिया है।
  • आज देश-विदेश में औसतन दस लाख पर्यटक गोवा के प्राकृतिक सौंदर्य एवं विशिष्ट सभ्यता से आकर्षित होकर यहाँ आते हैं। .... और पढ़ें