गोविन्द चतुर्थ: Difference between revisions

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*[[इन्द्र तृतीय]] ने राष्ट्रकूट की शक्ति का पुनरुद्धार करने में जो सफलता प्राप्त की थी, वह गोविन्द चतुर्थ के निर्बल शासन में नष्ट हो गई।  
*[[इन्द्र तृतीय]] ने राष्ट्रकूट की शक्ति का पुनरुद्धार करने में जो सफलता प्राप्त की थी, वह गोविन्द चतुर्थ के निर्बल शासन में नष्ट हो गई।  
*वेंगि के चालुक्यों ने इस समय बहुत ज़ोर पकड़ा, और उनके आक्रमणों के कारण राष्ट्रकूट राज्य की शक्ति बहुत क्षीण हो गई।
*वेंगि के चालुक्यों ने इस समय बहुत ज़ोर पकड़ा, और उनके आक्रमणों के कारण राष्ट्रकूट राज्य की शक्ति बहुत क्षीण हो गई।


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Revision as of 09:21, 14 October 2010

  • 918 ई. में गोविन्द चतुर्थ मान्यखेट के राजसिंहासन पर आरूढ़ हुआ।
  • इन्द्र तृतीय ने राष्ट्रकूट की शक्ति का पुनरुद्धार करने में जो सफलता प्राप्त की थी, वह गोविन्द चतुर्थ के निर्बल शासन में नष्ट हो गई।
  • वेंगि के चालुक्यों ने इस समय बहुत ज़ोर पकड़ा, और उनके आक्रमणों के कारण राष्ट्रकूट राज्य की शक्ति बहुत क्षीण हो गई।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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