संज्ञा (व्याकरण): Difference between revisions

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#भाववाचक संज्ञा।
#भाववाचक संज्ञा।
==व्यक्तिवाचक संज्ञा==
==व्यक्तिवाचक संज्ञा==
जिस संज्ञा शब्द से किसी विशेष, व्यक्ति, प्राणी, वस्तु अथवा स्थान का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - [[जयप्रकाश नारायण]], [[श्रीकृष्ण]], [[रामायण]], [[ताजमहल]], [[कुतुबमीनार]], [[लालक़िला]], [[हिमालय]] आदि।
जिस संज्ञा शब्द से किसी विशेष, व्यक्ति, प्राणी, वस्तु अथवा स्थान का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - [[जयप्रकाश नारायण]], [[श्रीकृष्ण]], [[रामायण]], [[ताजमहल]], [[कुतुबमीनार]], [[लाल क़िला दिल्ली|लालक़िला]], [[हिमालय]] आदि।
 
==जातिवाचक संज्ञा==
==जातिवाचक संज्ञा==
जिस संज्ञा शब्द से उसकी संपूर्ण जाति का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - मनुष्य, नदी, नगर, पर्वत, पशु, पक्षी, लड़का, कुत्ता, गाय, घोड़ा, भैंस, बकरी, नारी, गाँव आदि।
जिस संज्ञा शब्द से उसकी संपूर्ण जाति का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - मनुष्य, नदी, नगर, पर्वत, पशु, पक्षी, लड़का, कुत्ता, गाय, घोड़ा, भैंस, बकरी, नारी, गाँव आदि।

Revision as of 10:46, 21 January 2011

शब्द और पद

सार्थक वर्ण-समूह शब्द कहलाता है, किंतु जब इसका प्रयोग वाक्य में होता है तो वह व्याकरण के नियमों में बँध जाता है और इसका रूप भी बदल जाता है। जब कोई शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है तो उसे शब्द न कहकर पद कहा जाता है। हिन्दी में पद पाँच प्रकार के होते हैं-

  1. संज्ञा
  2. सर्वनाम
  3. विशेषण
  4. क्रिया
  5. अव्यय

संज्ञा

  • किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु आदि तथा नाम के गुण, धर्म, स्वभाव का बोध कराने वाले शब्द को संज्ञा कहते हैं। जैसे - श्याम, आम, मिठास, हाथी आदि।
  • संज्ञा सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद है।
  • व्याकरण में संज्ञा एक विकारी शब्द है।

संज्ञा के प्रकार

  • संज्ञा के तीन भेद हैं-
  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा।
  2. जातिवाचक संज्ञा।
  3. भाववाचक संज्ञा।

व्यक्तिवाचक संज्ञा

जिस संज्ञा शब्द से किसी विशेष, व्यक्ति, प्राणी, वस्तु अथवा स्थान का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - जयप्रकाश नारायण, श्रीकृष्ण, रामायण, ताजमहल, कुतुबमीनार, लालक़िला, हिमालय आदि।

जातिवाचक संज्ञा

जिस संज्ञा शब्द से उसकी संपूर्ण जाति का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - मनुष्य, नदी, नगर, पर्वत, पशु, पक्षी, लड़का, कुत्ता, गाय, घोड़ा, भैंस, बकरी, नारी, गाँव आदि।

भाववाचक संज्ञा

जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - बुढ़ापा, मिठास, बचपन, मोटापा, चढ़ाई, थकावट आदि।

  • कुछ विद्वान अंग्रेज़ी व्याकरण के प्रभाव के कारण संज्ञा शब्द के दो भेद और बतलाते हैं-
  1. समुदायवाचक संज्ञा।
  2. द्रव्यवाचक संज्ञा।

समुदायवाचक संज्ञा

जिन संज्ञा शब्दों से व्यक्तियों, वस्तुओं आदि के समूह का बोध हो उन्हें समुदायवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - सभा, कक्षा, सेना, भीड़, पुस्तकालय, दल आदि।

द्रव्यवाचक संज्ञा

जिन संज्ञा-शब्दों से किसी धातु, द्रव्य आदि पदार्थों का बोध हो उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - घी, तेल, सोना, चाँदी, पीतल, चावल, गेहूँ, कोयला, लोहा आदि।

भाववाचक संज्ञा बनाना

  • भाववाचक संज्ञाएँ चार प्रकार के शब्दों से बनती हैं। जैसे-

जातिवाचक संज्ञा से

  • दास = दासता
  • पंडित = पांडित्य
  • बंधु = बंधुत्व
  • क्षत्रिय = क्षत्रियत्व
  • पुरुष = पुरुषत्व
  • प्रभु = प्रभुता
  • पशु = पशुता,पशुत्व
  • ब्राह्मण = ब्राह्मणत्व
  • मित्र = मित्रता

सर्वनाम से संज्ञा बनाना

  • अपना = अपनापन, अपनत्व
  • निज = निजत्व,निजता
  • पराया = परायापन
  • स्व = स्वत्व
  • सर्व = सर्वस्व

विशेषण से संज्ञा बनाना

  • मीठा = मिठास
  • चतुर = चातुर्य, चतुराई
  • मधुर = माधुर्य
  • सुंदर = सौंदर्य, सुंदरता

क्रिया से संज्ञा बनाना

  • खेलना = खेल
  • थकना = थकावट
  • लिखना = लेख
  • हँसना = हँसी

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