जयापीड विनयादित्य: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
||
Line 15: | Line 15: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
Revision as of 09:13, 21 March 2011
(770 से 810 ई.)
- ललितादित्य के बाद उसका पुत्र जयपीड सिंहासन पर बैठा।
- उसने कन्नौज शासक ब्रजायुध को हराकर अपने राज्य की सीमा का विस्तार किया।
- उसे विद्धानों के आश्रयदाता के रूप मं भी जाना जाता है।
- उसके राज दरबार को झीर, उद्भट्ट, दामोदर गुप्त आदि विद्धान सुशोभित करते थें।
- 810 ई. में उसकी मृत्यु के साथ ही कर्कोटक वंश का अंत हो गया।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
सम्बंधित कडियाँ