धेनुकासुर वध: Difference between revisions
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[[बलराम]] तथा [[कृष्ण]] के साथ [[ब्रज]] के बच्चे ताड़ के फल खाने ताड़ के वन में गये। बलराम ने पेड़ों से फल गिराए, इससे पूर्व कि बालक उन फलों को खाते, धेनुक नामक असुर ने गदहे के रूप में उन पर आक्रमण किया। दो बार दुलत्तियां सहने के बाद बलराम ने उसे उठाकर पेड़ पर पटक दिया। पेड़ भी टूट गया तथा वह भी मर गया। उसकी इस गति को देखकर उसके भाई-बंधु अनेकों गदहे | *बलराम ने पेड़ों से फल गिराए, इससे पूर्व कि बालक उन फलों को खाते, धेनुक नामक असुर ने गदहे के रूप में उन पर आक्रमण किया। | ||
*दो बार दुलत्तियां सहने के बाद बलराम ने उसे उठाकर पेड़ पर पटक दिया। | |||
*पेड़ भी टूट गया तथा वह भी मर गया। | |||
*उसकी इस गति को देखकर उसके भाई-बंधु अनेकों गदहे वहाँ पहुंचे। | |||
*बलराम तथा कृष्ण ने सभी को मार डाला।<ref>श्रीमद् भागवत 10 । 15-<br /> | |||
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Revision as of 13:04, 21 May 2011
- बलराम तथा कृष्ण के साथ ब्रज के बच्चे ताड़ के फल खाने ताड़ के वन में गये।
- बलराम ने पेड़ों से फल गिराए, इससे पूर्व कि बालक उन फलों को खाते, धेनुक नामक असुर ने गदहे के रूप में उन पर आक्रमण किया।
- दो बार दुलत्तियां सहने के बाद बलराम ने उसे उठाकर पेड़ पर पटक दिया।
- पेड़ भी टूट गया तथा वह भी मर गया।
- उसकी इस गति को देखकर उसके भाई-बंधु अनेकों गदहे वहाँ पहुंचे।
- बलराम तथा कृष्ण ने सभी को मार डाला।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ श्रीमद् भागवत 10 । 15-
ब्रह्म पुराण, 186 ।-
विष्णु पुराण, 5-5 ।-
हरिवंश पुराण, वि0 पर्व, 13 ।