शब्द (व्याकरण): Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "स्त्रोत" to "स्रोत")
Line 62: Line 62:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{व्याकरण}}
{{व्याकरण}}
[[Category:हिन्दी भाषा]]
[[Category:हिन्दी भाषा]][[Category:भाषा कोश]]
[[Category:व्याकरण]]
[[Category:व्याकरण]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 09:13, 14 October 2011

वर्ण और ध्वनि के समूह को व्याकरण में शब्द कहा जाता है।

प्रकार

शब्द दो प्रकार के होते हैं

सार्थक शब्द

  • सार्थक शब्द वे शब्द होते हैं, जो किसी निश्चित अर्थ का बोध कराते हैं।

निरर्थक शब्द

  • निरर्थक शब्द वे शब्द होते हैं जो किसी अर्थ का बोध नहीं कराते हैं।
  • भाषा प्राय: सार्थक शब्दों का समूह ही होती है। इसी कारण व्याकरण में सार्थक शब्दों का ही विवेचन किया जाता है, निरर्थक शब्दों का नहीं।

शब्दों के भेद

इतिहास या स्रोत के आधार पर शब्दों को चार वर्गों में बाँटा जा सकता है।

1.)तत्सम
  • जो शब्द अपरिवर्तित रूप में संस्कृत से लिए गए हैं, तत्सम हैं।
  • जैसे- पुष्प, पुस्तक, बालक, कन्या आदि।
2.)तद्भव
  • संस्कृत के जो शब्द प्राकृत, अपभ्रंश, पुरानी हिन्दी आदि से गुज़रने के कारण आज परिवर्तित रूप में मिल रहे हैं, तद्भव हैं।
  • जैसे- सात, साँप, कान, मुहँ आदि।
3.)देशी या देशज शब्द
  • यह वे शब्द हैं, जिनक स्रोत संस्कृत नहीं है, किंतु वे भारत में ग्राम्य क्षेत्रों अथवा जनजातियों में बोली जाने वाली, संस्कृत से भिन्न भाषा परिवारों के हैं।
  • जैसे- झाडू, पगड़ी, लोटा, झोला, टाँग, ठेठ आदि।
4.)विदेशी शब्द
  • यह शब्द अरबी, फ़ारसी या अंग्रेज़ी से प्रमुखतया आए हैं।
  • अरबी- फारसी- बाज़ार, सज़ा बाग, बर्फ़, काग़ज़, क़ानून, ग़रीब, ज़िला, दरोग़ा, फ़कीर, बेगम, क़त्ल, क़ैदी, ज़मींदार आदि।
  • अंग्रेज़ी- डॉक्टर, टैक्सी, डायरी, अफ़सर, टिकट, दिग्री, पार्टी, कॉलेज, मोटर, गैस, हैट, पुलिस, फीस, कॉलोनी, स्कूल, स्टाप, डेस्क, टोस्ट, इंजन, टीम, फुटबॉल, कापी, नर्स, मशीन, मिल आदि।
  • पुर्तग़ाली- अल्मारी, इस्तरी, कनस्तर, कप्तान, गोदाम, नीलाम, पादरी, संतरा, बाल्टी, साबुन आदि।
  • फ़्रांसीसी- काजू, कारतूस, अंग्रेज़ आदि।
  • जापानी- रिक्शा।
  • चीनी- चाय, लीची।

रचना के आधार पर

  • रचना के आधार पर शब्द तीन प्रकार के होते हैं।
1.)रूढ़
  • जिन शब्दों के सार्थक खण्ड न हो सकें और जो अन्य शब्दों के मेल से न बने हों। जैसे- दिन, घर, किताब।
2.)यौगिक
  • वे शब्द जिनमें रूढ़ शब्द के अतिरिक्त एक शब्दांश (उपसर्ग, प्रत्यय) या एक रूढ़ शब्द अवश्य होता है।
  • जैसे- नमकीन ('नमक' रूढ़ और 'ईन' प्रत्यय); पुस्तकालय ('पुस्तक' रूढ़ और 'आलय' रूढ़)
3.)योगरूढ़
  • जिन यौगिक शब्दों का एक रूढ़ अर्थ में प्रयोग होने लगा है।
  • जैसे- पंकज (पंक +ज) अर्थात 'कीचड़ में जन्म लेने वाला' किंतु इसका प्रयोग केवल 'कमल' के अर्थ में होता है।

व्याकरणिक विवेचन की दृष्टि से

व्याकरणिक विवेचन की दृष्टि से शब्द दो प्रकार के होते हैं।

विकारी शब्द

  • वे शब्द जिनमें लिंग, वचन आदि के आधार पर मूलशब्द का रूपांतरण होता है।
  • जैसे- लड़का→ लड़के→ लड़कों।

अविकारी शब्द

  • जिन शब्दों का प्रयोग मूल रूप में होता है और लिंग, वचन आदि के आधार पर उनमें कोई परिवर्तन नहीं आता है।
  • जैसे- आज, यहाँ, और, अथवा।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख