भारत की वनस्पति: Difference between revisions

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*[[भारत]] में वनस्‍पति की भरमार है। उपलब्‍ध आँकड़ों के आधार पर यह पता चलता है कि विश्‍व में भारत का दसवाँ और [[एशिया]] में चौथा स्‍थान है।  
*[[भारत]] में वनस्‍पति की भरमार है। उपलब्‍ध आँकड़ों के आधार पर यह पता चलता है कि विश्‍व में भारत का दसवाँ और [[एशिया]] में चौथा स्‍थान है।  
*भारत में वनस्‍पति विज्ञान संबंधी सर्वेक्षण (बीएसआई) द्वारा लगभग 70 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में अब तक किए गए सर्वेक्षण से पता चलता है कि भारत में लगभग 47,000 पादप प्रजातियाँ है।
*भारत में वनस्‍पति विज्ञान संबंधी सर्वेक्षण (बीएसआई) द्वारा लगभग 70 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में अब तक किए गए सर्वेक्षण से पता चलता है कि भारत में लगभग 47,000 पादप प्रजातियाँ है।
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*कृषि औद्योगिक और शहरी विकास हेतु वनों के विनाश के कारण अनेक भारतीय पादप विलुप्‍त होती जा रही है। लगभग 1336 पादप प्रजातियाँ असुरक्षित और संकट की स्थिति हैं।
*महत्‍वपूर्ण पादकों की लगभग 20 प्रजातियों को यथा संभावित विलुप्‍त की श्रेणी में रखा गया है क्‍योंकि पिछले 6-10 दशकों के दौरान इन्‍हें नहीं देखा गया है। बी एसआई ने संकट ग्रस्‍त पादपों की एक सूची रेड डाटा बुक नाम की एक प्रकाशन के रूप में प्रकाशि
*भारत को 6 वनस्पति प्रदेशों में वर्गीकृत किया जाता है, जो निम्न हैं-
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| ज्वार भाटा क्षेत्रों के वन || ताड़, नारियल, केवड़ा, सुपारी, रोजीफोरा आदि हैं।
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*कृषि औद्योगिक और शहरी विकास हेतु वनों के विनाश के कारण अनेक भारतीय पादप विलुप्‍त होती जा रही है। लगभग 1336 पादप प्रजातियाँ असुरक्षित और संकट की स्थिति हैं।
*महत्‍वपूर्ण पादकों की लगभग 20 प्रजातियों को यथा संभावित विलुप्‍त की श्रेणी में रखा गया है क्‍योंकि पिछले 6-10 दशकों के दौरान इन्‍हें नहीं देखा गया है। बी एसआई ने संकट ग्रस्‍त पादपों की एक सूची रेड डाटा बुक नाम की एक प्रकाशन के रूप में प्रकाशि
भारत को 6 वनस्पति प्रदेशों में वर्गीकृत किया जाता है, जो निम्न हैं-


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==संबंधित लेख==
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Revision as of 05:56, 30 April 2012

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  • भारत में वनस्‍पति की भरमार है। उपलब्‍ध आँकड़ों के आधार पर यह पता चलता है कि विश्‍व में भारत का दसवाँ और एशिया में चौथा स्‍थान है।
  • भारत में वनस्‍पति विज्ञान संबंधी सर्वेक्षण (बीएसआई) द्वारा लगभग 70 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में अब तक किए गए सर्वेक्षण से पता चलता है कि भारत में लगभग 47,000 पादप प्रजातियाँ है।
  • कृषि औद्योगिक और शहरी विकास हेतु वनों के विनाश के कारण अनेक भारतीय पादप विलुप्‍त होती जा रही है। लगभग 1336 पादप प्रजातियाँ असुरक्षित और संकट की स्थिति हैं।
  • महत्‍वपूर्ण पादकों की लगभग 20 प्रजातियों को यथा संभावित विलुप्‍त की श्रेणी में रखा गया है क्‍योंकि पिछले 6-10 दशकों के दौरान इन्‍हें नहीं देखा गया है। बी एसआई ने संकट ग्रस्‍त पादपों की एक सूची रेड डाटा बुक नाम की एक प्रकाशन के रूप में प्रकाशि
  • भारत को 6 वनस्पति प्रदेशों में वर्गीकृत किया जाता है, जो निम्न हैं-
वनस्पति
वन वृक्ष
हिमालय प्रदेशीय या पर्वतीय वन चीड़, देवदार, साल, ढाक, सेमल, आंवला, शीशम, बेर आदि हैं।
उष्णार्द्र सदाबहार वन महोगनी, रोजवुड, ताड़, बांस, रबड़, जंगली आम, आबनूस आदि।
आर्द्र मानसूनी वन साल, सागौन, साखू, सहतूत, पलास, लाल चंदन, आम, जामुन, गूलर, पाकड़ आदि हैं।
उष्णार्द्र पतझड़ वन आम, महुआ, बरगद, सीसम, बबूल आदि प्रमुख हैं।
मरुस्थलीय वन नागफनी, बबूल, कीकर, खजूर, खेजड़ा आदि हैं।
ज्वार भाटा क्षेत्रों के वन ताड़, नारियल, केवड़ा, सुपारी, रोजीफोरा आदि हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख