हरिदासी सम्प्रदाय: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''हरिदासी सम्प्रदाय''' के प्रवर्तक 'नरहरितीर्थ' तथा 'य...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 10: Line 10:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{धर्म}}
{{धर्म}}
[[Category:हिन्दू सम्प्रदाय]][[Category:हिन्दू धर्म]][[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:]][[Category:]]
[[Category:हिन्दू सम्प्रदाय]][[Category:हिन्दू धर्म]][[Category:हिन्दू धर्म कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 13:06, 10 October 2012

हरिदासी सम्प्रदाय के प्रवर्तक 'नरहरितीर्थ' तथा 'यादराम' थे। इनका आविर्भाव 15वीं शताब्दी में हुआ था। 'व्यासराय' भी इस सम्प्रदाय से सम्बद्ध थे, जिनका समय 16वीं शताब्दी माना जाता है और जो सर्वश्रेष्ठ भक्त कवि भी थे।

  • व्यासराय के दो प्रमुख शिष्य थे- पुरन्दरदास और कनकदास। इन दोनो ने ही उच्च कोटि के 'भक्ति साहित्य' का सृजन किया था।
  • हरिदासी सम्प्रदाय में हृदय की पवित्रता तथा निश्छलता को महत्त्व दिया जाता है।
  • इस सम्प्रदाय के लोग 'विट्ठल' (श्रीकृष्ण) को अपना उपास्य देवता मानते है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख