आत्रेय भाष्य: Difference between revisions
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*आत्रेय का कोइर विशिष्ट मत था, यह बात इससे सिद्ध होती है कि इनके व्याख्यान का उल्लेख 'आत्रेयतन्त्र' के नाम से किया गया है, किन्तु अब यह भाष्य उपलब्ध नहीं है। | *आत्रेय का कोइर विशिष्ट मत था, यह बात इससे सिद्ध होती है कि इनके व्याख्यान का उल्लेख 'आत्रेयतन्त्र' के नाम से किया गया है, किन्तु अब यह भाष्य उपलब्ध नहीं है। | ||
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Revision as of 06:50, 29 June 2010
- आत्रेय भाष्य नाम से भी वैशेषिक सूत्रों का एक व्याख्यान था।
- मिथिला विद्यापीठ से प्रकाशित अज्ञातकर्तृक वैशेषिक सूत्र वृत्ति में,
- वादिराज के 'न्यायविनिश्चयविवरण' में,
- श्रीदेव के 'स्याद्वादरत्नाकर' में,
- गुणरत्न के 'षड्दर्शनसमुच्चय' में,
- हरिभद्रसूरि की 'षड्दर्शनसमुच्चयवृत्ति' में तथा
- भट्टवादीन्द्र के 'कणादसूत्रनिबन्ध' में आत्रेय भाष्य का उल्लेख है।
- शंकर मिश्र ने वृत्तिकार के नाम से जिस मत का उल्लेख किया है, मिथिलावृत्ति में उसको आत्रेय का मत बताया गया है।
- आत्रेय का कोइर विशिष्ट मत था, यह बात इससे सिद्ध होती है कि इनके व्याख्यान का उल्लेख 'आत्रेयतन्त्र' के नाम से किया गया है, किन्तु अब यह भाष्य उपलब्ध नहीं है।