विनोबा भावे के अनमोल वचन: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Adding category Category:विनोबा भावे (को हटा दिया गया हैं।))
Line 21: Line 21:
{{अनमोल वचन}}
{{अनमोल वचन}}
[[Category:अनमोल वचन]][[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:अनमोल वचन]][[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:विनोबा भावे]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 11:07, 13 August 2014

विनोबा भावे के अनमोल वचन

link=विनोबा भावे|right|100px

  • ऐसे देश को छोड़ देना चाहिए, जहाँ न आदर है, न जीविका, न मित्र, न परिवार और न ही ज्ञान की आशा। -
  • स्वतंत्र वही हो सकता है, जो अपना काम अपने आप कर लेता है।
  • दो धर्मो का कभी झगड़ा नहीं होता, सब धर्मो का अधर्म से ही झगड़ा होता है।
  • द्वेष बुद्धि को हम द्वेष से नहीं मिटा सकते, प्रेम की शक्ति ही उसे मिटा सकती है। [1]
  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें



टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सूक्तियाँ (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) अभिव्यक्ति। अभिगमन तिथि: 14 अप्रॅल, 2011

संबंधित लेख