जवाहरलाल नेहरू के अनमोल वचन: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) ('<div style="float:right; width:98%; border:thin solid #aaaaaa; margin:10px"> {| width="98%" class="bharattable-purple" style="float:ri...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - " महान " to " महान् ") |
||
Line 18: | Line 18: | ||
* प्रतिबंधरहित शक्ति की भूख उपयोग से बढ़ती है। | * प्रतिबंधरहित शक्ति की भूख उपयोग से बढ़ती है। | ||
* जीवन विकास का सिद्धांत है, स्थिर रहने का नहीं। निरंतर विकसित होना स्थिर अवस्था में बने रहने की इजाजत नहीं देता। | * जीवन विकास का सिद्धांत है, स्थिर रहने का नहीं। निरंतर विकसित होना स्थिर अवस्था में बने रहने की इजाजत नहीं देता। | ||
* | * महान् ध्येय के प्रयत्न में ही आनंद है, उल्लास है और किसी अंश तक प्राप्ति की मात्रा भी है। | ||
* आपत्तियां हमें आत्मज्ञान कराती हैं, वे हमें दिखा देती हैं कि हम किस मिट्टी के बने हैं। | * आपत्तियां हमें आत्मज्ञान कराती हैं, वे हमें दिखा देती हैं कि हम किस मिट्टी के बने हैं। | ||
|} | |} |