भर्तृहरि के अनमोल वचन: Difference between revisions
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* अच्छी संगति बुद्धि के अंधकार को हरती है, वचनों को सत्य की धार से सींचती है, मान को बढ़ती है, पाप को दूर करती है, चित्त को प्रसन्न रखती है और चारों ओर यश फैलाकर मनुष्यों को क्या क्या लाभ नहीं पहुंचाती? | * अच्छी संगति बुद्धि के अंधकार को हरती है, वचनों को सत्य की धार से सींचती है, मान को बढ़ती है, पाप को दूर करती है, चित्त को प्रसन्न रखती है और चारों ओर यश फैलाकर मनुष्यों को क्या क्या लाभ नहीं पहुंचाती? | ||
* ऐश्वर्य का आभूषण सज्जनता है, शौर्य का वाक संयम, ज्ञान का शांति और विनय तथा सार्मथ्य का आभूषण क्षमा है। | * ऐश्वर्य का आभूषण सज्जनता है, शौर्य का वाक संयम, ज्ञान का शांति और विनय तथा सार्मथ्य का आभूषण क्षमा है। | ||
* संकट के समय धैर्य, अभ्युदय के समय क्षमा | * संकट के समय धैर्य, अभ्युदय के समय क्षमा अर्थात् सब सहन करने की सामर्थ्य, सभा में अच्छा बोलना और युद्ध में वीरता शोभा देती है। | ||
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