क्षारीय लावा शंकु: Difference between revisions
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Latest revision as of 07:53, 9 June 2021
क्षारीय लावा शंकु
जब ज्वालामुखी लावा में सिलिका की मात्रा कम होती है, जिससे वह हल्का व पतला हो जाता है तथा दूर तक फैलकर ठण्डा हो जाता है। इस कारण कम ऊँचाई व अधिक क्षेत्रीय विस्तार वाले ज्वालामुखी शंकु का निर्माण होता है। क्षारीय लावा शंकु को 'शील्ड शंकु' भी कहते हैं।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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