गोपाल प्रसाद दुबे: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
Line 17: Line 17:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार}}{{पद्मश्री}}
{{लोक नर्तक}}{{संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार}}{{पद्मश्री}}
[[Category:लोक कलाकार]][[Category:लोक नर्तक]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:पद्म श्री]][[Category:पद्म श्री (2012)]]
[[Category:लोक कलाकार]][[Category:लोक नर्तक]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:पद्म श्री]][[Category:पद्म श्री (2012)]]
[[Category:संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार]][[Category:कला कोश]][[Category:चरित कोश]]
[[Category:संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार]][[Category:कला कोश]][[Category:चरित कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 08:35, 26 March 2022

thumb|250px|गोपाल प्रसाद दुबे गोपाल प्रसाद दुबे (अंग्रेज़ी: Gopal Prasad Dubey, जन्म- 25 जून, 1957) सरायकेला छऊ नृत्य के अग्रणी नर्तक हैं। उनको 2005 में पद्म श्री सम्मान मिला था। छऊ के लिए पद्म सम्मान पाने वाले वह दूसरे शख्स थे। गोपाल प्रसाद दुबे ने सरायकेला स्थित राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र में 1974 से 1988 तक प्रशिक्षण दिया। अपने कॅरियर के शुरुआत में विजय प्रताप सिंहदेव के नेतृत्व में भारत के अलावा वह पूर्वी यूरोप, दक्षिणी अमेरिका व दक्षिण पूर्व एशिया में छऊ नृत्य प्रदर्शन कर चुके हैं।

  • संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारपद्म श्री से सम्मानित पंडित गोपाल प्रसाद दूबे का जन्म 25 जून, 1957 को सरायकेला में हुआ था।
  • छोटी उम्र से ही उन्होंने राजकुमार एस.एन. सिंहदेव, गुरु केदार नाथ साहू, नट शेखर वन बिहारी पटनायक से छऊ नृत्य की शिक्षा ली।
  • उन्होंने शेरॉन लॉयन से ओडिसी डांस की शिक्षा भी ग्रहण की।
  • गुरु पंडित गोपाल प्रसाद दूबे इंडोनेशिया, केन्या, कनाडा, आहियो, टोक्यो, न्यूयार्क, वियतनाम समेत अन्य देशों में छऊ नृत्य कला का प्रदर्शन कर चुके हैं।
  • वर्ष 2007 में झारखंड अवार्ड, वर्ष 2012 में पद्म श्री व वर्ष 2016 में संगीत नाटक अकादमी अवार्ड समेत विभिन्न मंचों पर कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों से गोपाल प्रसाद दुबे को सम्मानित किया जा चुका है।
  • सुधेंद्र नारायण सिंह देवकेदार नाथ साहू के शिष्य गोपाल प्रसाद दुबे की गिनती श्रेष्ठ छऊ नर्तक व प्रशिक्षकों में होती है।
  • इन्हें एशियन कल्चरल काउंसिल के सौजन्य से न्यूयार्क में भी नृत्य प्रशिक्षण का अवसर मिला।
  • फिलहाल गोपाल प्रसाद दुबे बेंगलुरू में रहकर 'त्रिनेत्र' नामक संस्था के बैनर तले देश-विदेश में छऊ का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।
  • गोपाल प्रसाद दुबे पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में नृत्य के शिक्षक भी रहे। इसके अलावा विदेश में कंसास यूनिवर्सिटी, इंडियाना यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, चुंगांग यूनिवर्सिटी, सियोल इंस्टीट्यूट ऑफ द आट्र्स व अमेरिकन कालेज ऑफ ग्रीस के अलावा दक्षिण कोरिया स्थित इंचोन के मल्टी कल्चरल सेंटर में भी छऊ समेत भारतीय शास्त्रीय नृत्य का प्रशिक्षण दिया।[1]
  • इन्होंने रामानंद सागर कृत टेलीविजन धारावाहिक उत्तर रामायण समेत कई धारावाहिकों-नाटकों में प्रस्तुति दी।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ये हैं कोल्हान के पद्मश्री, पूरा इलाका करता इनपर नाज (हिंदी) jagran.com। अभिगमन तिथि: 28 दिसम्बर, 2021।

संबंधित लेख