अभिलाषा (सूक्तियाँ)

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 09:47, 16 March 2012 by प्रीति चौधरी (talk | contribs) ('{| width="100%" class="bharattable-pink" |- ! क्रमांक ! सूक्तियाँ ! सूक्ति कर्ता |-...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
क्रमांक सूक्तियाँ सूक्ति कर्ता
(1) हमारी अभिलाष जीवन रूपी भाप को इन्द्रधनुष के रंग देती है। टैगोर
(2) अभिलाषा सब दुखों का मूल है। बुद्ध
(3) अभिलाषाओं से ऊपर उठ जाओ वे पूरी हो जायंगी, मांगोगे तो उनकी पूर्ति तुमसे और दूर जा पड़ेंगी। रामतीर्थ
(4) कोई अभिलाष यहाँ अपूर्ण नहीं रहती। खलील जिज्ञान
(5) अभिलाषा ही घोडा बन सकती तो प्रत्येक मनुष्य घुड़सवार हो जाता। शेक्सपीयर
(6) फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करनेवाला मनुष्य ही मोक्ष प्राप्त करता है। गीता
(7) अभिलाषा तभी फलदायक होती है, जब वह दृढ निश्चय में परिणित कर दे जाती है। स्वेट मार्डेन
(8) गरीब वह है जिसकी अभिलाषायें बढी हुई हैं। डेनियल
(9) त्याग यह नहीं कि मोटे और खुरदरे वस्त्र पहन लिए जायें और सूखी रोटी खायी जाये, त्याग तो यह है कि अपनी इच्छा अभिलाषा और तृष्णा को जीता जाये। सुफियान सौरी
(10) मनुष्य के जीवन में दो तरह के दुःख होते हैं - एक यह कि उसके जीवन की अभिलाषा पूरी नहीं हुई और दूसरा यह कि उसके जीवन की अभिलाषा पूरी हो गई। बर्नार्ड शॉ
(11) विचित्र बात है कि सुख की अभिलाषा मेरे दुःख का एक अंश है। खलील जिब्रान
(12) किसी व्यक्ति के दिल-दिमाग को समझने के लिए इस बात को न देखें कि उसने अभी तक क्या प्राप्त किया है, अपितु इस बात को देखें कि वह क्या अभिलाषा रखता है। कैहलिल जिब्रान
(13) ऐसे भी लोग हैं जो देते हैं जो देते हैं, लेकिन देने में कष्ट का अनुभव नहीं करते, न वे उल्लास की अभिलाषा करते हें और न पुण्य समझकर ही कुछ देते हैं। इन्हीं लोगों की हाथों द्वारा ईश्वर बोलता है। खलील जिब्रान
(14) अभ्यास के लिए अभिलाषा जरूरी है। जिस अभिलाषा में शक्ति नहीं, उसकी पूर्ति असंभव है। गुलाब रत्न वाजपेयी
(15) पराई स्त्री और पराया धन जिसके मन को अपवित्र नहीं करते, गंगादि तीर्थ उसके चरण-स्पर्श करने की अभिलाषा करते हैं। एकनाथ


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः