धूतपाप

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 14:22, 11 April 2013 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "कौवा" to "कौआ")
Jump to navigation Jump to search

धूतपाप अथवा 'धोपाप' सुल्तानपुर ज़िला, वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह एक प्राचीन हिन्दू तीर्थ स्थान है, जो धूतपापा नदी (गोमती की उपनदी) के तट पर स्थित है। कभी यहाँ 'कुशभावन' या सुल्तानपुर के भार नरेशों का राज्य हुआ करता था। इस स्थान का संबंध श्रीरामचंद्र के रावण वध का प्रायश्चित करने से जोड़ा जाता है। यहाँ का क़िला शेरगढ़ नदी के तट पर बना हुआ है।

कथा

त्रेता युग में श्रीराम लंका के राजा रावण का वध करके जब अवध नगरी लौट रहे थे तो उत्तर प्रदेश में सुल्तानपुर के 'धोपाप' स्थान पर स्नान करके उन्होंने स्वयं को बह्महत्या के पाप से मुक्त किया था। मान्यताओं के अनुसार इस बात की प्रमाणिकता उस समय सबसे पहले एक कौवे को स्नान कराकर सिद्ध की गई थी, जिसमें काला कौआ स्नान के बाद सफ़ेद हो गया था। गंगा दशहरा पर्व पर स्नान के लिए लाखों लोग दूर-दराज से यहाँ स्नान करने आते हैं।

कहा जाता है कि इस घाट पर स्नान करने से तमाम दोषों से मुक्ति मिलती है तथा कई तीर्थों के पुण्य का लाभ मिलता है। लखनऊ-वाराणसी राजमार्ग पर लम्भुआ बाज़ार से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस पौराणिक स्थल पर पहुँचकर आदि गंगा गोमती वर्गाकार हो गई है। विष्णुपुराण, ब्रह्मपुराण, स्कन्दपुराणमार्कण्डेय पुराण में गोमती नदी को 'धूतपापा' कहा गया है। गंगा दशहरा के अवसर पर यहाँ राज्य के ही नही बल्कि भारत के अन्य प्रांतो से भी लोग आते हैं और गंगा में डुबकी लगाने के बाद पूजन-अर्चन करते है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः