जयंती
जयंती शब्द का प्रयोग मुख्यत: किसी घटना के घटित होने के दिन की, आगे आने वाले वर्षों मे पुनरावृत्ति को दर्शाने के लिये किया जाता है। इसे 'वर्षगाँठ' भी कह सकते हैं। उदाहरण के लिये यदि भारत देश 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हुआ तो 15 अगस्त 1948 को स्वतंत्रता प्राप्ति की प्रथम जयंती होगी, 15 अगस्त 1949 को द्वितीय जयंती होगी, इत्यादि। ध्यान देने की बात ये भी है कि यद्यपि घटना सुखद भी हो सकती है (किसी विद्यालय की स्थापना) और दुखद भी (किसी महापुरुष की मृत्यु), लेकिन जयंती शब्द का प्रयोग केवल सुखद घटनाओं के लिये किया जाता है।
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व्याकरण संबंधी
जयंती- विशेषण [सं०√जि (जीतना)+शतृ-ङीष्], स्त्रीलिंग
जयंती के अन्य अर्थ
- विजय प्राप्त करने वाली
- विजयिनी
- वह स्त्री जिसने विजय प्राप्त की हो।
- दुर्गा
- पार्वती
- ध्वजा
- हल्दी
- अरणी
- जैत नामक पेड़ों की संज्ञा
- बैंजंती का पौधा
- ज्योतिष का एक योग जो श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी की आधी रात के समय रोहिणी नक्षत्र पड़ने पर होता है।
- जन्माष्टमी
- जौ के छोटे पौधे जो ब्राह्मण अपने यजमान को मंगल द्रव्य के रूप में विजयादशमी के दिन भेंट करता है।
- किसी महापुरुष की जन्म-तिथि पर मनाया जाने वाला उत्सव।
- किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के आरंभ होने की वार्षिक तिथि पर होने वाला उत्सव। जैसे– स्वर्ण जयंती, हीरक जयंती
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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