Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 5"
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{किस विदेशी दूत ने अपने को 'भागवत' घोषित किया? | {किस विदेशी दूत ने अपने को 'भागवत' घोषित किया? | ||
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− | - | + | -मेगस्थनीज़ |
+हेलिओडोरस | +हेलिओडोरस | ||
-प्लूटार्क | -प्लूटार्क | ||
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+महर्षि [[वेदव्यास]] | +महर्षि [[वेदव्यास]] | ||
-संकर्षण | -संकर्षण | ||
− | + | ||वेदव्यास भगवान नारायण के ही कलावतार थे। व्यास जी के पिता का नाम [[पराशर]] ऋषि तथा माता का नाम [[सत्यवती]] था। जन्म लेते ही इन्होंने अपने पिता-माता से जंगल में जाकर तपस्या करने की इच्छा प्रकट की। प्रारम्भ में इनकी माता सत्यवती ने इन्हें रोकने का प्रयास किया, किन्तु अन्त में इनके माता के स्मरण करते ही लौट आने का वचन देने पर उन्होंने इनको वन जाने की आज्ञा दे दी। प्रत्येक [[द्वापर युग]] में [[विष्णु]] व्यास के रूप में अवतरित होकर [[वेद|वेदों]] के विभाग प्रस्तुत करते हैं। इस प्रकार अट्ठाईस बार वेदों का विभाजन किया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[वेदव्यास]] | |
− | {[[विष्णु]] के दस अवतारों की जानकारी का | + | |
+ | {[[विष्णु]] के दस अवतारों की जानकारी का स्त्रोत निम्न में से किसमें है? | ||
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-[[भागवत पुराण]] | -[[भागवत पुराण]] | ||
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-[[विष्णु पुराण]] | -[[विष्णु पुराण]] | ||
-[[मार्कण्डेय पुराण]] | -[[मार्कण्डेय पुराण]] | ||
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{किस विदेशी यात्री ने [[कृष्ण]] को 'हेराक्लीज' कहा? | {किस विदेशी यात्री ने [[कृष्ण]] को 'हेराक्लीज' कहा? | ||
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|| [[चित्र:Sanchi-Stupa-Sanchi.jpg|right|70px|सांची स्तूप, [[सांची]]]] स्तूप एक गुम्दाकार भवन होता था, जो बुद्ध से संबंधित सामग्री या स्मारक के रूप में स्थापित किया जाता था। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[स्तूप]] | || [[चित्र:Sanchi-Stupa-Sanchi.jpg|right|70px|सांची स्तूप, [[सांची]]]] स्तूप एक गुम्दाकार भवन होता था, जो बुद्ध से संबंधित सामग्री या स्मारक के रूप में स्थापित किया जाता था। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[स्तूप]] | ||
− | { | + | {तेभागा आंदोलन के किसानों की प्रमुख मांगें क्या थीं? |
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− | - | + | -मज़दूरी बढ़ाना |
− | - | + | -सम्मानजनक व्यवहार की मांग |
− | + | + | +कुल उपज का 1/3 कर लेने की मांग |
− | - | + | -जमींदारी प्रथा का अंत |
{सर्वप्रथम किस [[उपनिषद|उपनिषद्]] में [[देवकी]] पुत्र एवं [[अंगिरा]] के शिष्य के रूप में [[कृष्ण]] का उल्लेख मिलता है? | {सर्वप्रथम किस [[उपनिषद|उपनिषद्]] में [[देवकी]] पुत्र एवं [[अंगिरा]] के शिष्य के रूप में [[कृष्ण]] का उल्लेख मिलता है? | ||
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+[[वज्रयान]] | +[[वज्रयान]] | ||
-उपर्युक्त सभी | -उपर्युक्त सभी | ||
− | || यह [[संस्कृत]] शब्द, अर्थात हीरा या तड़ित का वाहन है , जो तांत्रिक [[बौद्ध धर्म]] भी कहलाता है तथा [[भारत]] व पड़ोसी देशों में, विशेषकर [[तिब्बत]] में बौद्ध धर्म का महत्त्वपूर्ण विकास समझा जाता है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[वज्रयान]] | + | || यह [[संस्कृत]] शब्द, अर्थात हीरा या तड़ित का वाहन है, जो तांत्रिक [[बौद्ध धर्म]] भी कहलाता है तथा [[भारत]] व पड़ोसी देशों में, विशेषकर [[तिब्बत]] में बौद्ध धर्म का महत्त्वपूर्ण विकास समझा जाता है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[वज्रयान]] |
{[[बुद्ध]] के वर्षाकालीन निवास के लिए बेलुवन एवं जेतवन का निर्माण क्रमश: किन लोगों ने करवाया था? | {[[बुद्ध]] के वर्षाकालीन निवास के लिए बेलुवन एवं जेतवन का निर्माण क्रमश: किन लोगों ने करवाया था? | ||
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-[[अशोक]] एवं जेत कुमार ने | -[[अशोक]] एवं जेत कुमार ने | ||
− | { | + | {"हिन्दुस्तान तलवार के जोर पर जीता गया था" यह कथन किसका है? |
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− | - | + | -ऑकलैंड |
− | + | + | +लॉर्ड एल्गिन |
− | -[[ | + | -[[लार्ड कर्ज़न]] |
− | -[[ | + | -[[लार्ड डलहौजी]] |
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{[[बुद्ध]] के प्रारम्भिक अनुयायियों में सर्वाधिक संख्या किसकी थी? | {[[बुद्ध]] के प्रारम्भिक अनुयायियों में सर्वाधिक संख्या किसकी थी? | ||
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-चम्पा | -चम्पा | ||
-[[राजगृह]] | -[[राजगृह]] | ||
− | || [[भारत]] के [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के गोंडा-बहराइच जिलों की सीमा पर यह [[बौद्ध]] तीर्थ स्थान है। गोंडा-बलरामपुर से 12 मील पश्चिम में आधुनिक सहेत-महेत | + | || [[भारत]] के [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के गोंडा-बहराइच जिलों की सीमा पर यह [[बौद्ध]] तीर्थ स्थान है। गोंडा-बलरामपुर से 12 मील पश्चिम में आधुनिक सहेत-महेत गाँव ही श्रावस्ती है। पहले यह [[कौशल]] देश की दूसरी राजधानी थी, भगवान [[राम]] के पुत्र [[लव कुश|लव]] ने इसे अपनी राजधानी बनाया था, श्रावस्ती बौद्ध [[जैन]] दोनों का तीर्थ स्थान है, [[बुद्ध|तथागत]] श्रावस्ती में रहे थे, यहाँ के श्रेष्ठी अनाथपिण्डिक ने भगवान [[गौतम बुद्ध|बुद्ध]] के लिये जेतवन बिहार बनवाया था, आजकल यहाँ बौद्ध धर्मशाला, मठ और मन्दिर है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[श्रावस्ती]] |
− | {[[शिव]]-भक्ति के | + | {[[शिव]]-भक्ति के विषय में प्रारम्भिक जानकारी निम्न में से किसमें मिलती है? |
|type="()"} | |type="()"} | ||
+सैन्धव सभ्यता से | +सैन्धव सभ्यता से | ||
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-[[गुप्त राजवंश|गुप्त काल]] | -[[गुप्त राजवंश|गुप्त काल]] | ||
− | {[[ | + | {'आना' सिक्के का प्रचलन किस [[मुग़ल]] सम्राट ने करवाया? |
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− | + | -[[अकबर]] | |
− | -[[ | + | -[[शाहजहाँ]] |
− | + | +[[जहाँगीर]] | |
− | -[[ | + | -[[औरंगज़ेब]] |
− | ||[[ | + | ||जहाँगीर का जन्म [[30 अगस्त]], सन 1569 को [[फ़तेहपुर सीकरी]] में हुआ था। अपने आरंभिक जीवन में वह शराबी और आवारा शाहजादे के रूप में बदनाम था। उसके पिता सम्राट अकबर ने उसकी बुरी आदतें छुड़ाने की बड़ी चेष्टा की; किंतु उसे सफलता नहीं मिली। इसीलिए समस्त सुखों के होते हुए भी वह अपने बिगड़े हुए बेटे के कारण जीवनपर्यंत दुखी रहा। अंतत: अकबर की मृत्यु के पश्चात जहाँगीर ही मुग़ल सम्राट बना। उस समय उसकी आयु 36 वर्ष की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जहाँगीर]] |
{भागवत धर्म का प्रधान ग्रंथ निम्न में से कौन-सा था? | {भागवत धर्म का प्रधान ग्रंथ निम्न में से कौन-सा था? |
Revision as of 07:00, 15 January 2011
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is samany jnan prashnottari mean kul 15 prashn haian. ise hal karane ke uparaant panne ke niche ki or "parinam dekhean" par klik karean aur uttaroan ka milan karean sath hi arjit aank bhi dekhean. |
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panne par jaean
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