अजब अपना हाल होता -दाग़ देहलवी

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अजब अपना हाल होता -दाग़ देहलवी
कवि दाग़ देहलवी
जन्म 25 मई, 1831
जन्म स्थान दिल्ली
मृत्यु 1905
मृत्यु स्थान हैदराबाद
मुख्य रचनाएँ 'गुलजारे दाग़', 'महताबे दाग़', 'आफ़ताबे दाग़', 'यादगारे दाग़', 'यादगारे दाग़- भाग-2'
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
दाग़ देहलवी की रचनाएँ

अजब अपना हाल होता ,जो विसाल-ए-यार होता
कभी जान सदक़े होती कभी दिल निसार होता

    न मज़ा है दुश्मनी में, न है लुत्फ़ दोस्ती में
    कोई ग़ैर ग़ैर होता कोई यार यार होता…

ये मज़ा था दिल्लगी का, कि बराबर आग लगती
न तुम्हें क़रार होता न हमें क़रार होता

    तेरे वादे पर सितमगर अभी और सब्र करते
    अगर अपनी जिन्दगी का हमें ऐतबार होता……


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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