गजानन: Difference between revisions

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Latest revision as of 19:03, 29 September 2011

30px यह लेख पौराणिक ग्रंथों अथवा मान्यताओं पर आधारित है अत: इसमें वर्णित सामग्री के वैज्ञानिक प्रमाण होने का आश्वासन नहीं दिया जा सकता। विस्तार में देखें अस्वीकरण

thumb|250px|गणेश
Ganesha

  • शिव और पार्वती पुत्र भगवान गणेश का ही नाम गजानन है।
  • लिंग पुराण के अनुसार एक बार देवताओं ने भगवान शिव की उपासना करके उनसे सुरद्रोही दानवों के दुष्टकर्म में विघ्न उपस्थित करने के लिये वर माँगा। आशुतोष शिव ने 'तथास्तु' कहकर देवताओं को संतुष्ट कर दिया। समय आने पर गणेश जी का प्राकट्य हुआ। उनका मुख हाथी के समान था और उनके एक हाथ में त्रिशूल तथा दूसरे में पाश था। देवताओं ने सुमन-वृष्टि करते हुए गजानन के चरणों में बार-बार प्रणाम किया। भगवान शिव ने गणेश जी को दैत्यों के कार्यों में विघ्न उपस्थित करके देवताओं और ब्राह्मणों का उपकार करने का आदेश दिया।
  • द्वापर युग में उनका वर्ण लाल है। वे चार भुजाओं वाले और मूषक वाहनवाले हैं तथा गजानन नाम से प्रसिद्ध हैं।
  • किसी नवजात शिशु का मस्तक उसके धड़ से लगा दो। एक गजराज का नवजात शिशु मिला उस समय। उसी का मस्तक पाकर वह बालक गजानन हो गया।

भगवान गणेश के अन्य नाम

अन्य सम्बंधित लेख


  1. विघ्नराज
  2. द्वैमातुर
  3. गणाधिप
  4. एकदन्त
  5. हेरम्ब
  6. लम्बोदर
  7. विनायक
  8. सुमुख
  9. कपिल
  10. गजकर्णक
  11. विकट
  12. विघ्ननाशक
  13. धूम्रकेतु
  14. गणाध्यक्ष
  15. भालचन्द्र
  16. गांगेय
  17. रक्तवर्ण
  18. शूर्पकर्ण


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