गोविन्द द्वितीय: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replace - " सदी " to " सदी ")
 
(2 intermediate revisions by the same user not shown)
Line 1: Line 1:
*772 ई. में [[कृष्ण प्रथम|कृष्णराज]] की मृत्यु होने पर उसका पुत्र गोविन्द राजा बना।  
*772 ई. में [[कृष्ण प्रथम|कृष्णराज]] की मृत्यु होने पर उसका पुत्र गोविन्द राजा बना।  
*वह भोग-विलास में मस्त रहता था, और राज्य-कार्य की उपेक्षा करता था।  
*वह भोग-विलास में मस्त रहता था, और राज्य-कार्य की उपेक्षा करता था।  
*आठवीं सदी में कोई ऐसा व्यक्ति सफलतापूर्वक राजपद नहीं सम्भाल सकता था, जो 'उद्यतदण्ड' न हो। अतः उसके शासन काल में भी राज्य का वास्तविक संचालन उसके भाई [[ध्रुव धारावर्ष|ध्रुव]] के हाथों में था।  
*आठवीं [[सदी]] में कोई ऐसा व्यक्ति सफलतापूर्वक राजपद नहीं सम्भाल सकता था, जो 'उद्यतदण्ड' न हो। अतः उसके शासन काल में भी राज्य का वास्तविक संचालन उसके भाई [[ध्रुव धारावर्ष|ध्रुव]] के हाथों में था।  
*अवसर पाकर ध्रुव स्वयं राजसिंहासन पर आरूढ़ हो गया। उसका शासन काल 779 ई. में शुरू हुआ था। इस युग में उत्तरी भारत में दो राजशक्तियाँ प्रधान थीं, [[गुर्जर प्रतिहार वंश|गुर्जर प्रतिहार]] राजा और [[मगध]] के [[पाल वंश|पालवंशी]] राजा।  
*अवसर पाकर ध्रुव स्वयं राजसिंहासन पर आरूढ़ हो गया। उसका शासन काल 779 ई. में शुरू हुआ था। इस युग में उत्तरी भारत में दो राजशक्तियाँ प्रधान थीं, [[गुर्जर प्रतिहार वंश|गुर्जर प्रतिहार]] राजा और [[मगध]] के [[पाल वंश|पालवंशी]] राजा।  


{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति
{{लेख प्रगति
|आधार=
|आधार=
Line 11: Line 12:
|शोध=
|शोध=
}}
}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>

Latest revision as of 10:57, 3 October 2011

  • 772 ई. में कृष्णराज की मृत्यु होने पर उसका पुत्र गोविन्द राजा बना।
  • वह भोग-विलास में मस्त रहता था, और राज्य-कार्य की उपेक्षा करता था।
  • आठवीं सदी में कोई ऐसा व्यक्ति सफलतापूर्वक राजपद नहीं सम्भाल सकता था, जो 'उद्यतदण्ड' न हो। अतः उसके शासन काल में भी राज्य का वास्तविक संचालन उसके भाई ध्रुव के हाथों में था।
  • अवसर पाकर ध्रुव स्वयं राजसिंहासन पर आरूढ़ हो गया। उसका शासन काल 779 ई. में शुरू हुआ था। इस युग में उत्तरी भारत में दो राजशक्तियाँ प्रधान थीं, गुर्जर प्रतिहार राजा और मगध के पालवंशी राजा।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख