नौगम्य: Difference between revisions
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Latest revision as of 12:39, 20 April 2018
नौगम्य किसी जलनिकाय में जल की गति की एक स्थिति है जिसमें किसी नदी, नहर, या झील की गहराई, चौड़ाई और इसमें बहने वाले जल की गति इतनी हो कि कोई जलयान इसे आसानी से पार कर जाये। मार्ग में आने वाली बाधायें जैसे कि चट्टानें और पेड़ ऐसे हों कि उनसे आसानी से बचकर निकला जा सके, साथ ही पुलों की निकासी भी पर्याप्त होनी चाहिए। पुल इतने ऊँचे हों कि पोत इनके नीचे से आसानी से निकल जाये। पानी की उच्च गति, और आमतौर पर शीत ऋतु में जमने वाली बर्फ किसी जलमार्ग को अनौगम्य बना सकती है।
शब्दार्थ
नौगम्य = नौ (पानी) + गमन (जाना) अर्थात् जल का गति या जल का बहाव।
नौगम्यता
नौगम्यता संदर्भ पर निर्भर करती है:- एक छोटी नदी एक छोटी नाव के लिए नौगम्य हो सकती है पर एक क्रूज जहाज के लिए यह अनौगम्य होती है। उथली नदियों को जलपाश, जो पानी की गहराई बढ़ाने के साथ इसे विनियमित भी करता है, की संस्थापना के द्वारा नौगम्य बनाया जा सकता है। नदियों को नौगम्य बनाने की एक दूसरी विधि निकर्षण है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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