अनुशासन (सूक्तियाँ): Difference between revisions

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Latest revision as of 14:10, 30 June 2017

क्रमांक सूक्तियाँ सूक्ति कर्ता
(1) हम दबाव से अनुशासन नहीं सीख सकते। महात्मा गांधी
(2) आदर्श, अनुशासन, मर्यादा, परिश्रम, ईमानदारी तथा उच्च मानवीय मूल्यों के बिना किसी का जीवन महान् नहीं बन सकता है। स्वामी विवेकानंद
(3) भगवान को अनुशासन एवं सुव्यवस्थितपना बहुत पसंद है। अतः उन्हें ऐसे लोग ही पसंद आते हैं, जो सुव्यवस्था व अनुशासन को अपनाते हैं।
(4) नेतृत्व का अर्थ है वह वर्चस्व जिसके सहारे परिचितों और अपरिचितों को अंकुश में रखा जा सके, अनुशासन में चलाया जा सके।
(5) निरंकुश स्वतंत्रता जहाँ बच्चों के विकास में बाधा बनती है, वहीं कठोर अनुशासन भी उनकी प्रतिभा को कुंठित करता है।
(6) आत्‍मसंयम, अनुशासन और बलिदान के बिना राहत या मुक्ति की आशा नहीं की जा सकती। महात्मा गांधी
(7) अनुशासन, लक्ष्यों और उपलब्धि के बीच का सेतु है। जिम रॉन
(8) ऐसा व्यक्ति जो अनुशासन के बिना जीवन जीता है वह सम्मान रहित मृत्यु मरता है। आईसलैण्ड की कहावत
(9) सच्ची संस्कृति मस्तिष्क, हृदय और हाथ का अनुशासन है। शिवानंद

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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