चक्रवात की आँख: Difference between revisions
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'''चक्रवात की आँख''' ([[अंग्रेज़ी]]: Eye of Storm) से तात्पर्य है- "किसी चक्रवात का बिल्कुल भीतरी भाग"। चक्रवात के इस स्थान पर [[वायु दाब]] निम्न रहता है, वायु शांत रहती है और बहुत धीमी [[गति]] से बहती है। | '''चक्रवात की आँख''' ([[अंग्रेज़ी]]: Eye of Storm) से तात्पर्य है- "किसी [[चक्रवात]] का बिल्कुल भीतरी भाग"। चक्रवात के इस स्थान पर [[वायु दाब]] निम्न रहता है, वायु शांत रहती है और बहुत धीमी [[गति]] से बहती है। | ||
*इसके निर्माण का कारण यह है कि चक्रवात में अंतर्मुखी पवनें बहुत तीव्र [[गति]] से केन्द्र के चारों और तो घूमती हैं, परंतु केन्द्र पर अभिसरित नहीं हो पाती। यह क्रिया ठीक वैसी ही है, जैसे कोई उपग्रह केन्द्र की ओर आकर्षित होते हुए भी केन्द्र के इर्द-गिर्द वृत्ताकार पथ में घूमने को बाध्य होता है। इस प्रकार चक्रवात का केंद्र एक खोखले पाइप की भांति होता है, जिसमें [[पवन|पवनें]] प्रवेश नहीं कर पातीं।<ref>{{cite web |url=http://hindi.indiawaterportal.org/%E0%A4%9A%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A4-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%86%E0%A4%82%E0%A4%96-eye-storm |title=चक्रवात की आँख|accessmonthday=08 अप्रैल|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | *इसके निर्माण का कारण यह है कि चक्रवात में अंतर्मुखी पवनें बहुत तीव्र [[गति]] से केन्द्र के चारों और तो घूमती हैं, परंतु केन्द्र पर अभिसरित नहीं हो पाती। यह क्रिया ठीक वैसी ही है, जैसे कोई उपग्रह केन्द्र की ओर आकर्षित होते हुए भी केन्द्र के इर्द-गिर्द वृत्ताकार पथ में घूमने को बाध्य होता है। इस प्रकार चक्रवात का केंद्र एक खोखले पाइप की भांति होता है, जिसमें [[पवन|पवनें]] प्रवेश नहीं कर पातीं।<ref>{{cite web |url=http://hindi.indiawaterportal.org/%E0%A4%9A%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A4-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%86%E0%A4%82%E0%A4%96-eye-storm |title=चक्रवात की आँख|accessmonthday=08 अप्रैल|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> |
Latest revision as of 06:58, 29 October 2014
चक्रवात की आँख (अंग्रेज़ी: Eye of Storm) से तात्पर्य है- "किसी चक्रवात का बिल्कुल भीतरी भाग"। चक्रवात के इस स्थान पर वायु दाब निम्न रहता है, वायु शांत रहती है और बहुत धीमी गति से बहती है।
- इसके निर्माण का कारण यह है कि चक्रवात में अंतर्मुखी पवनें बहुत तीव्र गति से केन्द्र के चारों और तो घूमती हैं, परंतु केन्द्र पर अभिसरित नहीं हो पाती। यह क्रिया ठीक वैसी ही है, जैसे कोई उपग्रह केन्द्र की ओर आकर्षित होते हुए भी केन्द्र के इर्द-गिर्द वृत्ताकार पथ में घूमने को बाध्य होता है। इस प्रकार चक्रवात का केंद्र एक खोखले पाइप की भांति होता है, जिसमें पवनें प्रवेश नहीं कर पातीं।[1]
- किसी चक्रवात की आँख का व्यास आमतौर से 15 से 30 कि.मी. तक होता है।
- दूसरे शब्दों में- 'हरीकेन अथवा अन्य प्रकार के उष्ण कटिबंधीय तूफ़ानों का केंद्रीय क्षेत्र, जहाँ पर वायुमंडलीय दाब 96 मिलिवार होता है तथा वायु-वेग शून्य रहता है, उसे 'चक्रवात की आँख' कहकर सम्बोधित किया जाता है'।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ चक्रवात की आँख (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 08 अप्रैल, 2014।