चौहान वंश: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - " ई0" to " ई.") |
||
Line 5: | Line 5: | ||
#[[अर्णोराज]] (लगभग 1133 से 1153 | #[[अर्णोराज]] (लगभग 1133 से 1153 ई.) | ||
#[[विग्रहराज चतुर्थ बीसलदेव]] (लगभग 1153 से 1163 | #[[विग्रहराज चतुर्थ बीसलदेव]] (लगभग 1153 से 1163 ई.) | ||
#[[पृथ्वीराज तृतीय]] (1178 से 1192 | #[[पृथ्वीराज तृतीय]] (1178 से 1192 ई.) | ||
Revision as of 12:03, 22 March 2011
- चौहान वंश की अनेक शाखाओं में शाकंभरी चौहान (सांभर-अजमेर के आस पास का क्षेत्र) राज्य की स्थापना लगभग 7 वीं शताब्दी में वासुदेव ने की।
- वासुदेव के बाद पूर्णतल्ल, जयराज, विग्रहराज प्रथम, चन्द्रराज, गोपराज जैसे अनेक सामंतों ने शासन किया।
- शासक अजयपाल ने ‘अजमेर’ नगर की स्थापना की और साथ ही यहाँ पर सुन्दर महल एवं मन्दिर का निर्माण करवाया।
- चौहान वंश के मुख्य शासक इस प्रकार हैं -
- अर्णोराज (लगभग 1133 से 1153 ई.)
- विग्रहराज चतुर्थ बीसलदेव (लगभग 1153 से 1163 ई.)
- पृथ्वीराज तृतीय (1178 से 1192 ई.)
|
|
|
|
|