नागभट्ट प्रथम: Difference between revisions

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*हरिशचन्द्र की दो पत्नियाँ थीं- एक [[ब्राह्मण]] थी और दूसरी क्षत्रिय।
*हरिशचन्द्र की दो पत्नियाँ थीं- एक [[ब्राह्मण]] थी और दूसरी क्षत्रिय।
*माना जाता है कि, ब्राह्मण पत्नी से उत्पन्न पुत्र 'माला' पर शासन कर रहा था तथा क्षत्रीय पत्नी से उत्पन्न पुत्र [[जोधपुर]] पर शासन कर रहा था।
*माना जाता है कि, ब्राह्मण पत्नी से उत्पन्न पुत्र 'माला' पर शासन कर रहा था तथा क्षत्रीय पत्नी से उत्पन्न पुत्र [[जोधपुर]] पर शासन कर रहा था।
*किन्तु इस वंश का वास्तविक महत्वपूर्ण राजा '''नागभट्ट प्रथम''' (730 - 756 ई.) था।
*किन्तु इस वंश का वास्तविक महत्त्वपूर्ण राजा '''नागभट्ट प्रथम''' (730 - 756 ई.) था।
*उसके विषय में [[ग्वालियर]] अभिलेख से जानकारी मिलती है, जिसके अनुसर उसने [[अरब|अरबों]] को [[सिंध]] से आगे नहीं बढ़ने दिया।
*उसके विषय में [[ग्वालियर]] अभिलेख से जानकारी मिलती है, जिसके अनुसर उसने [[अरब|अरबों]] को [[सिंध]] से आगे नहीं बढ़ने दिया।
*इसी अभिलेख में बताया गया है कि, वह [[नारायण]] रूप में लोगों की रक्षा के लिए उपस्थित हुआ था तथा उसे मलेच्छों का नाशक बताया गया है।
*इसी अभिलेख में बताया गया है कि, वह [[नारायण]] रूप में लोगों की रक्षा के लिए उपस्थित हुआ था तथा उसे मलेच्छों का नाशक बताया गया है।

Revision as of 10:34, 13 March 2011

  • गुर्जर प्रतिहार वंश का प्रथम ऐतिहासिक पुरुष 'हरिशचन्द्र' था।
  • हरिशचन्द्र की दो पत्नियाँ थीं- एक ब्राह्मण थी और दूसरी क्षत्रिय।
  • माना जाता है कि, ब्राह्मण पत्नी से उत्पन्न पुत्र 'माला' पर शासन कर रहा था तथा क्षत्रीय पत्नी से उत्पन्न पुत्र जोधपुर पर शासन कर रहा था।
  • किन्तु इस वंश का वास्तविक महत्त्वपूर्ण राजा नागभट्ट प्रथम (730 - 756 ई.) था।
  • उसके विषय में ग्वालियर अभिलेख से जानकारी मिलती है, जिसके अनुसर उसने अरबों को सिंध से आगे नहीं बढ़ने दिया।
  • इसी अभिलेख में बताया गया है कि, वह नारायण रूप में लोगों की रक्षा के लिए उपस्थित हुआ था तथा उसे मलेच्छों का नाशक बताया गया है।


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