ललितादित्य मुक्तापीड: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
m (श्रेणी:भारत के राजवंश (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
Line 27: | Line 27: | ||
[[Category:जम्मू और कश्मीर का इतिहास]] | [[Category:जम्मू और कश्मीर का इतिहास]] | ||
[[Category:इतिहास_कोश]] | [[Category:इतिहास_कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 07:32, 8 May 2011
(724 से 770 ई.)
- ललितादित्य कर्कोटक वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली शासक था।
- उसने तिब्बतियों, कम्बोजों एवं तुर्को को पराजित किया।
- उसकी श्रेष्ठ उपलब्धि थी - कन्नौज नरेश यशोवर्मन की पराजय।
- 733 ई. में ललितादित्य ने चीन में अपना दूत मण्डल भेजा।
- विजेता होने के साथ ही ललितादित्य एक महान निर्माता भी था।
- धार्मिक दृष्टि से उदार होने के कारण उसने अनेक बौद्ध मठों एवं हिन्दू मंदिरों का निर्माण करवाया था।
- उसके महत्त्वपूर्ण निर्माण कार्यो में सूर्य का प्रसिद्ध मार्तण्ड मंदिर शामिल हैं।
- ललितादित्य ने कश्मीर में परिहासपुर नगर बसाया था।
- कन्नौज के राजा यशोधर्मन को हराने के बाद उसके दरबारी कवियों भवभूति तथा वाक्पतिराज को ललितादित्य ने कश्मीर बुलाकर अपने दरबार में रखा।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
सम्बंधित कडियाँ