मुखपृष्ठ: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 128: Line 128:
| style="background:transparent;"|
| style="background:transparent;"|
{| style="background:transparent; width:100%"
{| style="background:transparent; width:100%"
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|समाचार
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|भूला-बिसरा भारत
|-
|-
| style="border:solid thin #9dc4df; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" class="headbg34" valign="top" |
| style="border:solid thin #9dc4df; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" class="headbg34" valign="top" |

Revision as of 11:20, 11 May 2011

'भारत डिस्कवरी' विभिन्न भाषाओं में निष्पक्ष एवं संपूर्ण ज्ञानकोश उपलब्ध कराने का अलाभकारी शैक्षिक मिशन है। कृपया यह भी ध्यान दें कि यह सरकारी वेबसाइट नहीं है और हमें कहीं से कोई आर्थिक सहायता प्राप्त नहीं है।

link=मुखपृष्ठ
ज्ञान का हिन्दी-महासागर

कुल पृष्ठ- 195,504   •   देखे गये पृष्ठ- Template:NUMBEROFVIEWS
कुल लेख- 63,134   •   कुल चित्र- 19,527
सदस्यों को सम्पादन सुविधा उपलब्ध है।

आज का दिन - 6 July 2025

भारतकोश:कलैण्डर/6 July


यदि दिनांक सूचना सही नहीं दिख रही हो तो कॅश मेमोरी समाप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें

विशेष आलेख
  • वाराणसी के व्यापारी समुद्री व्यापार भी करते थे। काशी से समुद्र यात्रा के लिए नावें छूटती थीं।
  • इस नगर के धनी व्यापारियों का व्यापार के उद्देश्य से समुद्र पार जाने का उल्लेख है। जातकों में भी व्यापार के उद्देश्य से बाहर जाने का उल्लेख मिलता है। एक जातक में उल्लेख है कि बनारस के व्यापारी दिशाकाक लेकर समुद्र यात्रा को गए थे। ... और पढ़ें

पिछले विशेष आलेख → बाघ · हिन्दी · ब्रज · कोलकाता
एक पर्यटन स्थल

right|100px|खजुराहो मंदिर|link=खजुराहो|border

  • खजुराहो की मूर्तियों की सबसे अहम और महत्त्वपूर्ण ख़ूबी यह है कि इनमें गति है, देखते रहिए तो लगता है कि शायद चल रही है या बस हिलने ही वाली है, या फिर लगता है कि शायद अभी कुछ बोलेगी, मस्कुराएगी, शर्माएगी या रूठ जाएगी।
  • कमाल की बात तो यह है कि ये चेहरे के भाव और शरीर की भंगिमाऐं केवल स्त्री पुरुषों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी दिखाई देती हैं। ... और पढ़ें
ऐसा भी हुआ !
  • 20 हज़ार आबादी वाले एक नगर के लोगों ने दो हज़ार साल पहले स्वयं अपने नगर में आग लगा दी और अपनी स्त्रियों और बच्चों के साथ जलकर मर गए .... और पढ़ें


सूक्ति और कहावत

भारतकोश:Quotations/Sunday

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

right

भारत कोश हलचल

भारतकोश:भारत कोश हलचल/6 July

समाचार

right

भूला-बिसरा भारत
  • हमारे महान संस्कृत ग्रंथ ताड़पत्रों पर लिखे गये। क्या थे ये 'ताड़पत्र' ? ... और पढ़ें

  • 'ओखली' पहले हर घर में होती थी पर आज शायद ही किसी घर में हो ... और पढ़ें

  • 'किमखाब' के कारीगरों की क़द्र हो न हो लेकिन उनका काम बेमिसाल हुआ करता था ... और पढ़ें

  • 'चौंसठ कलाएँ' कभी हमारी दिनचर्या का अभिन्न अंग थीं। क्या थीं ये? ... और पढ़ें
एक व्यक्तित्व

right|100px|सत्यजित राय|link=सत्यजित राय|border


पिछले लेख → सरोजिनी नायडू · रबीन्द्रनाथ ठाकुर
चयनित चित्र

भारतकोश:Image/Sunday

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); </script>

वर्णमाला क्रमानुसार पन्ने की खोज कर सकते हैं

अं
क्ष त्र ज्ञ श्र अः