महमूदशाह शर्की: Difference between revisions

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*उसने 1440-1457 ई. तक शासन किया था।
*उसने 1440-1457 ई. तक शासन किया था।
*[[इब्राहिमशाह शर्की]] की मृत्यु के बाद जौनपुर की गद्दी पर वह आसीन हुआ था।
*[[इब्राहिमशाह शर्की]] की मृत्यु के बाद जौनपुर की गद्दी पर वह आसीन हुआ था।
*उसने [[चुनार किला|चुनार के क़िले]] को अपने अधिकार में किया, परन्तु [[कालपी]] क़िलें एवं [[दिल्ली]] पर किये गये आक्रमण में वह बुरी तरह असफल हुआ।
*उसने [[चुनार किला|चुनार के क़िले]] को अपने अधिकार में किया, परन्तु [[कालपी]] क़िले एवं [[दिल्ली]] पर किये गये आक्रमण में वह बुरी तरह असफल हुआ।
*महमूदशाह शर्की को सबसे सफल शासकों में से एक माना जाता है।
*महमूदशाह शर्की को सबसे सफल शासकों में से एक माना जाता है।
*उसने जौनपुर में स्थापत्य निर्माण के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया था।
*उसने जौनपुर में स्थापत्य निर्माण के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया था।

Latest revision as of 11:09, 13 March 2012

  • महमूदशाह शर्की जौनपुर के शर्की वंश का तीसरा सुल्तान था।
  • उसने 1440-1457 ई. तक शासन किया था।
  • इब्राहिमशाह शर्की की मृत्यु के बाद जौनपुर की गद्दी पर वह आसीन हुआ था।
  • उसने चुनार के क़िले को अपने अधिकार में किया, परन्तु कालपी क़िले एवं दिल्ली पर किये गये आक्रमण में वह बुरी तरह असफल हुआ।
  • महमूदशाह शर्की को सबसे सफल शासकों में से एक माना जाता है।
  • उसने जौनपुर में स्थापत्य निर्माण के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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