चाणूर: Difference between revisions
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'''चाणूर''' [[मथुरा]] के राजा [[कंस]] के राज्य में उसके प्रमुख मल्लों (पहलवानों) में से एक था। 'चाणूर', 'मुष्टिक', 'शल' तथा 'तोषल' आदि मल्लों और [[कुबलयापीड]] नाम के एक [[हाथी]] को विशेष प्रशिक्षण दिलाकर [[कृष्ण]] और [[बलराम]] को मार डालने के लिए रखा गया था। किंतु मल्ल युद्ध के समय कृष्ण ने चाणूर को धरती पर पटककर मार डाला। | '''चाणूर''' [[मथुरा]] के राजा [[कंस]] के राज्य में उसके प्रमुख मल्लों (पहलवानों) में से एक था। 'चाणूर', '[[मुष्टिक]]', 'शल' तथा 'तोषल' आदि मल्लों और [[कुबलयापीड]] नाम के एक [[हाथी]] को विशेष प्रशिक्षण दिलाकर [[कृष्ण]] और [[बलराम]] को मार डालने के लिए रखा गया था। किंतु मल्ल युद्ध के समय कृष्ण ने चाणूर को धरती पर पटककर मार डाला। | ||
*चाणूर बहुत ही बलशाली था और कंस का प्रमुख मल्ल था। | *चाणूर बहुत ही बलशाली था और कंस का प्रमुख मल्ल था। | ||
*कंस ने मथुरा में [[रंगेश्वर महादेव मथुरा|श्री रंगेश्वर महादेवजी]] नामक [[तीर्थ स्थान]] पर एक रंगशाला का निर्माण करवाया था। | *कंस ने मथुरा में [[रंगेश्वर महादेव मथुरा|श्री रंगेश्वर महादेवजी]] नामक [[तीर्थ स्थान]] पर एक रंगशाला का निर्माण करवाया था। | ||
*रंगशाला में 'चाणूर', 'मुष्टिक', 'शल' तथा 'तोषल' आदि पहलवान कृष्ण और बलराम से मल्ल युद्ध के लिए उपस्थित थे। | *रंगशाला में 'चाणूर', 'मुष्टिक', 'शल' तथा 'तोषल' आदि पहलवान कृष्ण और बलराम से मल्ल युद्ध के लिए उपस्थित थे। | ||
*चाणूर और मुष्टिक ने दोनों भाईयों को मल्ल युद्ध के लिए ललकारा। | *चाणूर और मुष्टिक ने दोनों भाईयों को मल्ल युद्ध के लिए ललकारा। | ||
*नीति विचारक श्रीकृष्ण ने अपने समान आयु वाले मल्लों से लड़ने की बात कही। किन्तु चाणूर ने श्रीकृष्ण को और मुष्टिक ने बलराम जी को बड़े दर्प से, महाराज कंस का मनोरंजन करने के लिए ललकारा। [[श्रीकृष्ण]]–[[बलराम]] तो ऐसा चाहते ही थे। इस प्रकार मल्लयुद्ध आरम्भ हो गया। | *नीति विचारक श्रीकृष्ण ने अपने समान आयु वाले मल्लों से लड़ने की बात कही। किन्तु चाणूर ने श्रीकृष्ण को और [[मुष्टिक]] ने बलराम जी को बड़े दर्प से, महाराज कंस का मनोरंजन करने के लिए ललकारा। [[श्रीकृष्ण]]–[[बलराम]] तो ऐसा चाहते ही थे। इस प्रकार मल्लयुद्ध आरम्भ हो गया। | ||
*[[श्रीकृष्ण]] ने चाणूर और [[बलराम]] ने मुष्टिक को पछाड़कर उनका वध कर दिया। तदनन्तर शल और तोषल आदि मल्ल भी मारे गये। | *[[श्रीकृष्ण]] ने चाणूर और [[बलराम]] ने मुष्टिक को पछाड़कर उनका वध कर दिया। तदनन्तर शल और तोषल आदि मल्ल भी मारे गये। | ||
Revision as of 07:28, 3 April 2013
चाणूर मथुरा के राजा कंस के राज्य में उसके प्रमुख मल्लों (पहलवानों) में से एक था। 'चाणूर', 'मुष्टिक', 'शल' तथा 'तोषल' आदि मल्लों और कुबलयापीड नाम के एक हाथी को विशेष प्रशिक्षण दिलाकर कृष्ण और बलराम को मार डालने के लिए रखा गया था। किंतु मल्ल युद्ध के समय कृष्ण ने चाणूर को धरती पर पटककर मार डाला।
- चाणूर बहुत ही बलशाली था और कंस का प्रमुख मल्ल था।
- कंस ने मथुरा में श्री रंगेश्वर महादेवजी नामक तीर्थ स्थान पर एक रंगशाला का निर्माण करवाया था।
- रंगशाला में 'चाणूर', 'मुष्टिक', 'शल' तथा 'तोषल' आदि पहलवान कृष्ण और बलराम से मल्ल युद्ध के लिए उपस्थित थे।
- चाणूर और मुष्टिक ने दोनों भाईयों को मल्ल युद्ध के लिए ललकारा।
- नीति विचारक श्रीकृष्ण ने अपने समान आयु वाले मल्लों से लड़ने की बात कही। किन्तु चाणूर ने श्रीकृष्ण को और मुष्टिक ने बलराम जी को बड़े दर्प से, महाराज कंस का मनोरंजन करने के लिए ललकारा। श्रीकृष्ण–बलराम तो ऐसा चाहते ही थे। इस प्रकार मल्लयुद्ध आरम्भ हो गया।
- श्रीकृष्ण ने चाणूर और बलराम ने मुष्टिक को पछाड़कर उनका वध कर दिया। तदनन्तर शल और तोषल आदि मल्ल भी मारे गये।
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