परमेश्वर वर्मन प्रथम: Difference between revisions

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*शीघ्र ही परमेश्वरवर्मा ने अपनी सैन्यशक्ति को पुनः संगठित कर लिया, और पेरुडनंल्लुर के युद्ध में चालुक्यराज विक्रमादित्य से अपनी पहली पराजय का बदला लिया।  
*शीघ्र ही परमेश्वरवर्मा ने अपनी सैन्यशक्ति को पुनः संगठित कर लिया, और पेरुडनंल्लुर के युद्ध में चालुक्यराज विक्रमादित्य से अपनी पहली पराजय का बदला लिया।  


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Revision as of 12:44, 10 January 2011

  • नरसिंहवर्मा के बाद उसका पुत्र महेन्द्र वर्मा द्वितीय और फिर उसका पौत्र परमेश्वरवर्मा पल्लव राज्य के स्वामी बने।
  • परमेश्वरवर्मा का समकालीन चालुक्य राजा विक्रमादित्य प्रथम था, जो पुलकेशी द्वितीय के समान ही वीर और विजेता था।
  • विक्रमादित्य ने न केवल वातापी को पल्लवों की अधीनता से मुक्त किया, अपितु परमेश्वर वर्मा को बुरी तरह से परास्त कर काञ्जी पर अपना अधिकार कर लिया। पर जिस प्रकार पल्लव लोग वातापी पर स्थायी रूप से शासन नहीं कर सके थे, उसी प्रकार चालुक्य भी काञ्जी को देर तक अपनी अधीनता में नहीं रख सके।
  • शीघ्र ही परमेश्वरवर्मा ने अपनी सैन्यशक्ति को पुनः संगठित कर लिया, और पेरुडनंल्लुर के युद्ध में चालुक्यराज विक्रमादित्य से अपनी पहली पराजय का बदला लिया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ