धाया: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
प्रीति चौधरी (talk | contribs) No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "काफी " to "काफ़ी ") |
||
Line 1: | Line 1: | ||
'''धाया''' एक विशेष प्रकार की उच्च भूमि को कहा जाता है। धाया की ऊंचाई लगभग 3 मीटर या इससे भी अधिक है तथा इनके बीच में | '''धाया''' एक विशेष प्रकार की उच्च भूमि को कहा जाता है। धाया की ऊंचाई लगभग 3 मीटर या इससे भी अधिक है तथा इनके बीच में काफ़ी संख्या में खड्डों का निर्माण हो गया है। | ||
*[[पंजाब]] क्षेत्र में प्रवाहित होने वाली पांचो नदियों ([[व्यास नदी|व्यास]], [[सतलुज नदी|सतलज]], [[रावी नदी|रावी]], [[चिनाब नदी|चिनाब]] तथा [[झेलम नदी|झेलम]]) द्वारा अपने भागों से जमा की गयी जलोढ़ राशि को तोड़ कर पाश्र्ववर्ती क्षेत्रों में उच्चभूमियों का निर्माण किया है। | *[[पंजाब]] क्षेत्र में प्रवाहित होने वाली पांचो नदियों ([[व्यास नदी|व्यास]], [[सतलुज नदी|सतलज]], [[रावी नदी|रावी]], [[चिनाब नदी|चिनाब]] तथा [[झेलम नदी|झेलम]]) द्वारा अपने भागों से जमा की गयी जलोढ़ राशि को तोड़ कर पाश्र्ववर्ती क्षेत्रों में उच्चभूमियों का निर्माण किया है। | ||
*इन नदियों के मार्गों में बड़ी मात्रा में जलोढ़ राशि जमा हो जाती है। | *इन नदियों के मार्गों में बड़ी मात्रा में जलोढ़ राशि जमा हो जाती है। |
Latest revision as of 11:27, 14 May 2013
धाया एक विशेष प्रकार की उच्च भूमि को कहा जाता है। धाया की ऊंचाई लगभग 3 मीटर या इससे भी अधिक है तथा इनके बीच में काफ़ी संख्या में खड्डों का निर्माण हो गया है।
- पंजाब क्षेत्र में प्रवाहित होने वाली पांचो नदियों (व्यास, सतलज, रावी, चिनाब तथा झेलम) द्वारा अपने भागों से जमा की गयी जलोढ़ राशि को तोड़ कर पाश्र्ववर्ती क्षेत्रों में उच्चभूमियों का निर्माण किया है।
- इन नदियों के मार्गों में बड़ी मात्रा में जलोढ़ राशि जमा हो जाती है।
- ये नदियाँ अपने प्रवाह से इन जलोढ़ राशि को तोड़ देती हैं।
- इस प्रकार पार्श्ववर्ती क्षेत्रों में उच्च भूमि का निर्माण होता है, जो 'धाया' कहलाती हैं।
|
|
|
|
|