उत्तरी ध्रुव

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 13:39, 2 February 2018 by गोविन्द राम (talk | contribs) (''''उत्तरी ध्रुव''' (अंग्रेज़ी:''North Pole'') पृथ्वी का सबसे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

उत्तरी ध्रुव (अंग्रेज़ी:North Pole) पृथ्वी का सबसे सुदूर उत्तरी बिन्दु है। यह वह बिन्दु है जहाँ पर पृथ्वी की धुरी घूमती है। यह आर्कटिक महासागर में पड़ता है और यहाँ अत्यधिक ठंड पड़ती है क्योंकि लगभग छः महीने यहाँ सूर्य नहीं चमकता है। ध्रुव के आसपास का महासागर बहुत ठंडा है और सदैव बर्फ़ की मोटी चादर से ढका रहता है।

आर्कटिक क्षेत्र

इस भौगोलिक उत्तरी ध्रुव के निकट ही चुम्बकीय उत्तरी ध्रुव है, इसी चुम्बकीय उत्तरी ध्रुव की ओर ही कम्पास की सुई संकेत करती है। उत्तरी तारा या ध्रुव तारा उत्तरी ध्रुव के आकाश पर सदैव निकलता है। सदियों से नाविक इसी तारे को देखकर ये अनुमान लगाते रहे है कि वे उत्तर में कितनी दूर हैं। यह क्षेत्र आर्कटिक घेरा भी कहलाता है क्योंकि वहां अर्धरात्रि के सूर्य (मिडनाइट सन) और ध्रुवीय रात (पोलर नाइट) का दृश्य भी देखने को मिलता है। उत्तरी ध्रुव क्षेत्र को आर्कटिक क्षेत्र भी कहा जाता है। यहां बर्फ से ढंके विशाल क्षेत्र के अतिरिक्त आर्कटिक सागर भी है।

उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव की खोज

1820 में ही धरती पर अंटार्कटिका का पता लगा लिया गया था, लेकिन बीसवीं शती के प्रारंभ तक उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव की खोज नहीं हो सकी थी। हालांकि इसे खोजने के प्रयत्न जारी थे। ब्रिटिश नौसेना अधिकारी विलियम एडवर्ड पैरी ने 1827 में और 1871 में एक अमेरिकी दल ने चार्ल्स फ़्रांसिस हॉल के नेतृत्व में उत्तरी ध्रुव तक पहुँचने के असफल प्रयत्न किए। इसके बाद भी प्रयत्न जारी रहे। लेकिन इस बर्फीली जमीन पर मानव के पैर 1890 में ही पड़े। 1901 में अमेरिकी नागरिक रॉबर्ट पियरे और उनका दल विश्व के पहले अन्वेषक थे, जो उत्तरी ध्रुव तक पहुँचे थे। प्रारंभिक अन्वेषक फ़र और पशुओं की खाल से बने वस्त्र पहनते थे जिससे शरीर तो गर्म रहता ही था, इसमें त्वचा भी ठीक से साँस ले सकती थी। आधुनिक खोज यात्री अनेक अस्तरों वाले कपड़े पहनते हैं जिसकी अनेक परतों में रुकी हुई हवा शरीर को गर्म रखती है। 1911 में नार्वे के रोअल्ड अमंडसन दक्षिणी ध्रुव पर पहली बार पहुँचे। इसके एक ही महीने बाद रॉबर्ट फ़ैल्कन के नेतृत्व में ब्रिटिश टीम ने जनवरी 1912 में यहाँ अपना झंडा गाड़ा। नार्वे के अन्वेषकों द्वारा खोज यात्राओं में सामान ढोने के लिए कुत्तों द्वारा खींची जाने वाली स्लेड गाड़ियों का प्रयोग किया जाता था।[1]



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव की खोज (हिंदी) अभिव्यक्ति। अभिगमन तिथि: 3 फ़रवरी, 2018।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः