दोनों जहान तेरी मुहब्बत में -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:36, 20 June 2013 by दिनेश (talk | contribs) ('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Faiz-Ahmed-Faiz.jp...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
दोनों जहान तेरी मुहब्बत में -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कवि फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
जन्म 13 फ़रवरी, 1911
जन्म स्थान सियालकोट
मृत्यु 20 नवम्बर, 1984
मृत्यु स्थान लाहौर
मुख्य रचनाएँ 'नक्श-ए-फरियादी', 'दस्त-ए-सबा', 'जिंदांनामा', 'दस्त-ए-तहे-संग', 'मेरे दिल मेरे मुसाफिर', 'सर-ए-वादी-ए-सिना' आदि।
विशेष जेल के दौरान लिखी गई आपकी कविता 'ज़िन्दा-नामा' को बहुत पसंद किया गया था।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की रचनाएँ

दोनों जहान तेरी मुहब्बत में हार के
वो जा रहा है कोई शबे-ग़म गुज़ार के
वीराँ है मैकदा ख़ुमो-सागर उदास है
तुम क्या गए कि रूठ गए दिन बहार के
इक फ़ुर्सते-गुनाह मिली वो भी चार दिन
देखें हैं हमने हौसले परवरदिगार के
दुनिया ने तेरी याद से बेगाना कर दिया
तुम से भी दिलफरेब हैं ग़म रोज़गार के

भूले से मुस्कुरा तो दिए थे वो आज 'फ़ैज़'
मत पूछ वलवले दिले-नाकर्दाकार के


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः