ज़िन्दां की एक शाम -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 11:51, 25 June 2013 by दिनेश (talk | contribs) ('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Faiz-Ahmed-Faiz.jp...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
ज़िन्दां की एक शाम -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कवि फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
जन्म 13 फ़रवरी, 1911
जन्म स्थान सियालकोट
मृत्यु 20 नवम्बर, 1984
मृत्यु स्थान लाहौर
मुख्य रचनाएँ 'नक्श-ए-फरियादी', 'दस्त-ए-सबा', 'जिंदांनामा', 'दस्त-ए-तहे-संग', 'मेरे दिल मेरे मुसाफिर', 'सर-ए-वादी-ए-सिना' आदि।
विशेष जेल के दौरान लिखी गई आपकी कविता 'ज़िन्दा-नामा' को बहुत पसंद किया गया था।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की रचनाएँ

शाम के पेच-ओ-ख़म2 सितारों से
ज़ीना-ज़ीना उतर रही है रात
यूँ सबा पास से गुज़रती है
जैसे कह दी किसी ने प्यार की बात
सहरे-ज़िन्दाँ के बेवतन अश्जार
सरनिगूँ महव है बनाने में
दामने-आसमाँ पे नक़्शो-निगार
शाने-बाम पर दमकता है
मेहरबाँ चाँदनी का दस्ते-जमील
ख़ाक़ में घुल गई है आबे-नजूम
नूर में घुल गया है, अर्श का नील
सब्ज़ गोशों में नील-गूँ साए
लहलहाते हैं जिस तरह दिल में
मौजे-दर्द-फ़िराक़े-यार आए
दिल से पैहम ख़याल कहता है
इतनी शीरीं है ज़िंदगी इस पल
ज़ुल्म का ज़हर घोलने वाले
कामराँ हो सकेंगे आज न कल
जलवागाहे-विसाल की शम्म'एँ
वो बुझा भी चुके अगर तो क्या
चाँद को गुल करें तो हम जानें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः