यशपाल के अनमोल वचन

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यशपाल के अनमोल वचन
  • यदि पुरुष के जीवन-विकास में स्त्री का आकर्षण विनाशकारी होता तो प्रकृति यह आकर्षण पैदा ही क्यों करती।
  • जीवन अनंत है और मनुष्य की सार्मथ्य भी अनंत है।
  • जो मारता है वह सबल है, जो भय करता है वह निर्बल है।
  • मरना तो है ही, अपने मनुष्यत्व और अधिकार के लिए मरो।
  • बाधाएं व्यक्ति की परीक्षा होती हैं। उनसे उत्साह बढ़ना चाहिए, मंद नहीं पड़ना चाहिए।
  • वैराग्य भीरु की आत्म-प्रवंचना मात्र है। जीवन की प्रवृत्ति प्रबल और असंदिग्ध सत्य है।


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें



टीका टिप्पणी और संदर्भ


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