काज़ी नज़रुल इस्लाम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 11:48, 5 July 2017 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replacement - " काजी " to " क़ाज़ी ")
Jump to navigation Jump to search
काज़ी नज़रुल इस्लाम
पूरा नाम काज़ी नज़रुल इस्लाम
जन्म 24 मई, 1899
जन्म भूमि ज़िला वर्धमान, पश्चिम बंगाल
मृत्यु 29 अगस्त, 1976
मृत्यु स्थान ढाका, बांग्लादेश
पति/पत्नी प्रमिला देवी
भाषा बांग्ला, हिन्दुस्तानी, पर्शियन
पुरस्कार-उपाधि 'पद्म भूषण' (1960), 'इंडिपेडेन्ट डे अवॉर्ड' (1977)
प्रसिद्धि बांग्ला कवि, साहित्यकार, दार्शनिक
नागरिकता बांग्लादेशी
अन्य जानकारी काज़ी नज़रुल इस्लाम ने लगभग तीन हज़ार गानों की रचना की और साथ ही अधिकांश को स्वर भी दिया। इनके संगीत के आजकल 'नज़रुल संगीत' या "नज़रुल गीति" नाम से जाना जाता है।
अद्यतन‎ 02:00, 02 फ़रवरी-2017 (IST)
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

काज़ी नज़रुल इस्लाम (अंग्रेज़ी: Kazi Nazrul Islam, जन्म- 24 मई, 1899, पश्चिम बंगाल; मृत्यु- 29 अगस्त, 1976, बांग्लादेश) प्रसिद्ध बांग्ला कवि, संगीत सम्राट, संगीतज्ञ और दार्शनिक थे। उन्हें वर्ष 1960 में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया गया था। नज़रुल ने लगभग तीन हज़ार गानों की रचना की और साथ ही अधिकांश को स्वर भी दिया। इनके संगीत के आजकल 'नज़रुल संगीत' या "नज़रुल गीति" नाम से जाना जाता है।

परिचय

काज़ी नज़रुल इस्लाम का जन्म भारत के पश्चिम बंगाल प्रदेश के वर्धमान ज़िले में आसनसोल के पास चुरुलिया नामक गाँव में एक दरिद्र मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनकी प्राथमिक शिक्षा धार्मिक (मजहबी) शिक्षा के रूप में हुई। किशोरावस्था में विभिन्न थिएटर दलों के साथ काम करते-करते काज़ी नज़रुल इस्लाम ने कविता, नाटक एवं साहित्य के सम्बन्ध में सम्यक ज्ञान प्राप्त किया।

राष्ट्रीय कवि

काज़ी नज़रुल इस्लाम बांग्ला भाषा के अन्यतम साहित्यकार, देशप्रेमी तथा बांग्ला देश के राष्ट्रीय कवि हैं। पश्चिम बंगाल और बांग्ला देश दोनों ही जगह उनकी कविता और गान को समान आदर प्राप्त है। उनकी कविता में विद्रोह के स्वर होने के कारण उनको 'विद्रोही कवि' के नाम से जाना जाता है। उनकी कविता का वर्ण्य विषय 'मनुष्य के ऊपर मनुष्य का अत्याचार' तथा 'सामाजिक अनाचार तथा शोषण के विरुद्ध सोच्चार प्रतिवाद' है।

नज़रुल संगीत' या 'नज़रुल गीति'

काज़ी नज़रुल इस्लाम ने लगभग 3000 गानों की रचना की तथा साथ ही अधिकांश को स्वर भी दिया। इनको आजकल 'नज़रुल संगीत' या 'नज़रुल गीति' नाम से जाना जाता है।

मृत्यु

अधेड़ उम्र में काज़ी नज़रुल इस्लाम 'पिक्‌स रोग' से ग्रसित हो गए थे, जिसके कारण शेष जीवन वे साहित्य कर्म से अलग हो गए। बांग्ला देश सरकार के आमन्त्रण पर वे 1972 में सपरिवार ढाका आये। उस समय उनको बांग्ला देश की राष्ट्रीयता प्रदान की गई। यहीं 29 अगस्त, 1976 को उनकी मृत्यु हुई।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः