विज्ञापन (सूक्तियाँ): Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{| width="100%" class="bharattable-pink" |- ! क्रमांक ! सूक्तियाँ ! सूक्ति कर्ता |-...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 7: Line 7:
| (1)
| (1)
| मैं ने कोई विज्ञापन ऐसा नहीं देखा जिसमें पुरुष स्त्री से कह रहा हो कि यह साड़ी या स्नो ख़रीद ले। अपनी चीज़ वह खुद पसंद करती है मगर पुरुष की सिगरेट से लेकर टायर तक में वह दख़ल देती है।   
| मैं ने कोई विज्ञापन ऐसा नहीं देखा जिसमें पुरुष स्त्री से कह रहा हो कि यह साड़ी या स्नो ख़रीद ले। अपनी चीज़ वह खुद पसंद करती है मगर पुरुष की सिगरेट से लेकर टायर तक में वह दख़ल देती है।   
| हरिशंकर परसाई  
| [[हरिशंकर परसाई]]
|-
|-
| (2)
| (2)
| सेवा करके विज्ञापन मत करो, जिसकी सेवा की है, उस पर बोझ मत बनो।   
| सेवा करके विज्ञापन मत करो, जिसकी सेवा की है, उस पर बोझ मत बनो।   
| हनुमानप्रसाद पोद्दार  
| [[हनुमान प्रसाद पोद्दार]]
|}
|}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

Latest revision as of 11:22, 26 January 2013

क्रमांक सूक्तियाँ सूक्ति कर्ता
(1) मैं ने कोई विज्ञापन ऐसा नहीं देखा जिसमें पुरुष स्त्री से कह रहा हो कि यह साड़ी या स्नो ख़रीद ले। अपनी चीज़ वह खुद पसंद करती है मगर पुरुष की सिगरेट से लेकर टायर तक में वह दख़ल देती है। हरिशंकर परसाई
(2) सेवा करके विज्ञापन मत करो, जिसकी सेवा की है, उस पर बोझ मत बनो। हनुमान प्रसाद पोद्दार

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख