सातवाहन वंश: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "महत्वपूर्ण" to "महत्त्वपूर्ण")
m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
Line 15: Line 15:




{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति
{{लेख प्रगति
|आधार=
|आधार=

Revision as of 13:53, 10 January 2011

  • सातवाहन भारत का एक राजवंश था। जिसने केन्द्रीय दक्षिण भारत पर शासन किया।
  • भारतीय परिवार, जो पुराणों (प्राचीन धार्मिक तथा किंवदंतियों का साहित्य) पर आधारित कुछ व्याख्याओं के अनुसार, आंध्र जाति (जनजाति) का था और दक्षिणापथ अर्थात दक्षिणी क्षेत्र में साम्राज्य की स्थापना करने वाला यह पहला दक्कनी वंश था।
  • इस वंश का आरंभ सिभुक अथवा सिंधुक नामक व्यक्ति ने दक्षिण में कृष्णा और गोदावरी नदियों की घाटी में किया था। इसे आंध्र राजवंश भी कहते हैं।
  • सातवाहन वंश के अनेक प्रतापी सम्राटों ने विदेशी शक आक्रान्ताओं के विरुद्ध भी अनुपम सफलता प्राप्त की।
  • दक्षिणापथ के इन राजाओं का वृत्तान्त न केवल उनके सिक्कों और शिलालेखों से जाना जाता है, अपितु अनेक ऐसे साहित्यिक ग्रंथ भी उपलब्ध हैं, जिनसे इस राजवंश के कतिपय राजाओं के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण बातें ज्ञात होती हैं।
  1. सिमुक
  2. सातकर्णि
  3. गौतमीपुत्र सातकर्णि
  4. वासिष्ठी पुत्र पुलुमावि
  5. कृष्ण द्वितीय सातवाहन
  6. राजा हाल
  7. महेन्द्र सातकर्णि
  8. कुन्तल सातकर्णि
  9. शकारि विक्रमादित्य द्वितीय



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख