जलमण्डल: Difference between revisions
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==समुद्र का जल== | ==समुद्र का जल== | ||
समुद्री जल में औसत लवणता लगभग 34.5 प्रति | समुद्री जल में औसत लवणता लगभग 34.5 प्रति हज़ार होती है अर्थात 1 किग्रा. जल में 34.5 ग्राम लवण उपस्थित होता है। महासागर घुली हुई वातावरणीय गैसों के भी बहुत बड़े भंडार होते हैं। यह गैसें समुद्री जीवों के जीवन के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। समुद्री जल का विश्व के मौसम पर बहुत ही महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। महासागर विशाल ऊष्मा भंडार के रूप में कार्य करते हैं। महासागरीय तापमान वितरण में परिवर्तन से जलवायु पर बहुत बड़ा असर पड़ता है। | ||
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पृथ्वी के धरातल के लगभग 70 फीसदी भाग जो घेरे हुई जल राशियों को जलमंडल कहा जाता है। पूरे सौरमंडल में पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर भारी मात्रा में जल उपस्थित है। यह एक ऐसा तथ्य है जो पृथ्वी को अन्य ग्रहों से विशिष्ट बनाता है।
महासागर का जल
जल मंडल में मुख्य रूप से महासागर शामिल है लेकिन तकनीकी रूप से इसमें पृथ्वी की संपूर्ण जलराशि शामिल है जिसमें आंतरिक समुद्र, झील, नदियां और 2 किमी. की गहराई तक पाया जाने वाला भूमितल शामिल है। महासागरों की औसत गहराई 4 किमी. है। विश्व के मुहासागरों का कुल आयतन लगभग 1.4 बिलियन घन किमी. है। पृथ्वी पर उपस्थित कुल जल राशि का 97.5 फीसदी महासागरों के अंतर्गत आता है। जबकि बाकी 2.5 फीसदी ताजे जल के रूप में है। ताजे जल में भी लगभग 68.7 फीसदी जल बर्फ के रूप में है।
समुद्र का जल
समुद्री जल में औसत लवणता लगभग 34.5 प्रति हज़ार होती है अर्थात 1 किग्रा. जल में 34.5 ग्राम लवण उपस्थित होता है। महासागर घुली हुई वातावरणीय गैसों के भी बहुत बड़े भंडार होते हैं। यह गैसें समुद्री जीवों के जीवन के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। समुद्री जल का विश्व के मौसम पर बहुत ही महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। महासागर विशाल ऊष्मा भंडार के रूप में कार्य करते हैं। महासागरीय तापमान वितरण में परिवर्तन से जलवायु पर बहुत बड़ा असर पड़ता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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