बरीदशाही राजवंश: Difference between revisions

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'''बरीदशाही राजवंश''' 1487 से 1619 तक छोटे-से राज्य [[बीदर]] (अब दक्षिण-पश्चिमी [[भारत]] के [[कर्नाटक]] में) पर शासन करने वाला राजवंश था।
'''बरीदशाही राजवंश''' 1487 से 1619 तक छोटे से राज्य [[बीदर]] (अब दक्षिण-पश्चिमी [[भारत]] के [[कर्नाटक]] में) पर शासन करने वाले शासक थे।
 
*बरीद परिवार के सदस्य [[मुस्लिम]] बहमनी सुल्तानों के मंत्री थे, जिन्होंने 1430 में बीदर को अपनी राजधानी बनाया।
*बरीद परिवार के सदस्य [[मुस्लिम]] [[बहमनी वंश]] के सुल्तानों के मंत्री थे, जिन्होंने 1430 में बीदर को अपनी राजधानी बनाया था।
*लगभग 1492 में [[बहमनी राज्य]] का विखंडन हो गया, लेकिन सुल्तानों ने बीदर के आसपास का एक छोटा क्षेत्र अपने क़ब्ज़े में रखा। *वास्तविक सत्ता उस समय अमीर क़ासिम बरीद के हाथ में थी। उनके पोते अली बरीद ने 1542 में राजसी उपाधि धारण की।
*लगभग 1492 में [[बहमनी राज्य]] का विखंडन हो गया था, लेकिन सुल्तानों ने बीदर के आसपास का एक छोटा क्षेत्र अपने क़ब्ज़े में रखा।
*1619 में इस राज्य को [[बीजापुर]] के बड़े दक्कन राज्य में मिला दिया गया।
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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Revision as of 07:39, 23 July 2013

बरीदशाही राजवंश 1487 से 1619 तक छोटे-से राज्य बीदर (अब दक्षिण-पश्चिमी भारत के कर्नाटक में) पर शासन करने वाला राजवंश था।

  • बरीद परिवार के सदस्य मुस्लिम बहमनी वंश के सुल्तानों के मंत्री थे, जिन्होंने 1430 में बीदर को अपनी राजधानी बनाया था।
  • लगभग 1492 में बहमनी राज्य का विखंडन हो गया था, लेकिन सुल्तानों ने बीदर के आसपास का एक छोटा क्षेत्र अपने क़ब्ज़े में रखा।
  • साम्राज्य की वास्तविक सत्ता उस समय अमीर क़ासिम बरीद के हाथ में थी। उनके पोते अली बरीद ने 1542 में राजसी उपाधि धारण की थी।
  • 1619 में इस राज्य को बीजापुर के बड़े दक्कन राज्य में मिला दिया गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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संबंधित लेख

श्रेणी:भारत के राजवंश