शैलेन्द्र वंश: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=शैलेन्द्र|लेख का नाम=शैलेन्द्र (बहुविकल्पी)}} | |||
'''शैलेन्द्र वंश''' का आरम्भ दक्षिण-पूर्व [[एशिया]] में आठवीं शताब्दी में हुआ था। | |||
*इस वंश के शासक तेरहवीं शताब्दी तक एशिया और वहाँ के अन्य क्षेत्रों पर राज्य करते रहे। | *इस वंश के शासक तेरहवीं शताब्दी तक एशिया और वहाँ के अन्य क्षेत्रों पर राज्य करते रहे। | ||
*इस वंश के शासक जो भारतीय थे, उन्होंने न केवल समस्त [[मलय]] प्रायद्वीप पर, वरन सुमात्रा, जावा, बाली और बोर्निया सहित समस्त मलय द्वीपसमूह पर राज्य किया था। | *इस वंश के शासक जो भारतीय थे, उन्होंने न केवल समस्त [[मलय]] प्रायद्वीप पर, वरन सुमात्रा, जावा, बाली और बोर्निया सहित समस्त मलय द्वीपसमूह पर राज्य किया था। | ||
Line 6: | Line 7: | ||
*उनके द्वारा निर्मित [[स्तूप|स्तूपों]] और बिहारों में जावा में स्थित बोरोबुदुरा का महाचैत्य विशेष उल्लेखनीय है। | *उनके द्वारा निर्मित [[स्तूप|स्तूपों]] और बिहारों में जावा में स्थित बोरोबुदुरा का महाचैत्य विशेष उल्लेखनीय है। | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार= | |आधार= |
Revision as of 07:29, 16 April 2012
चित्र:Disamb2.jpg शैलेन्द्र | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- शैलेन्द्र (बहुविकल्पी) |
शैलेन्द्र वंश का आरम्भ दक्षिण-पूर्व एशिया में आठवीं शताब्दी में हुआ था।
- इस वंश के शासक तेरहवीं शताब्दी तक एशिया और वहाँ के अन्य क्षेत्रों पर राज्य करते रहे।
- इस वंश के शासक जो भारतीय थे, उन्होंने न केवल समस्त मलय प्रायद्वीप पर, वरन सुमात्रा, जावा, बाली और बोर्निया सहित समस्त मलय द्वीपसमूह पर राज्य किया था।
- अरब यात्रियों ने उनकी शक्ति, सम्पत्ति और ऐश्वर्य का वर्णन करते हुए लिखा है कि, उन्हें महाराज पुकारा जाता था।
- शैलेन्द्र शासक बौद्ध धर्म के महायान सम्प्रदाय के अनुयायी थे।
- उनके द्वारा निर्मित स्तूपों और बिहारों में जावा में स्थित बोरोबुदुरा का महाचैत्य विशेष उल्लेखनीय है।
|
|
|
|
|