ओरछा: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
Line 47: Line 47:
==ऐतिहासिक इमारतें==
==ऐतिहासिक इमारतें==
ओरछा में जिन पुरानी इमारतों के [[खंडहर]] हैं, उनमें मुख्य हैं-
ओरछा में जिन पुरानी इमारतों के [[खंडहर]] हैं, उनमें मुख्य हैं-
#जहाँगीर महल - जिसे वीरसिंहदेव ने [[जहाँगीर]] के लिए बनवाया था, यद्यपि जहाँगीर इस महल में वीरसिंहदेव के जीवन काल में कभी नहीं ठहर सका।
*जहाँगीर महल - जिसे वीरसिंहदेव ने [[जहाँगीर]] के लिए बनवाया था, यद्यपि जहाँगीर इस महल में वीरसिंहदेव के जीवन काल में कभी नहीं ठहर सका।
[[चित्र:Jahangir-Mahal-Orchha.jpg|left|thumb|250px|जहाँगीर महल, ओरछा]]
[[चित्र:Jahangir-Mahal-Orchha.jpg|left|thumb|250px|जहाँगीर महल, ओरछा]]
#केशवदास का भवन
*केशवदास का भवन
#प्रवीण राय का भवन - प्रवीण राय, वीरसिंह देव के दरबार की प्रसिद्ध गायिका थी, जिसकी केशवदास ने अपने ग्रंथों में बहुत प्रशंसा की है।
*प्रवीण राय का भवन - प्रवीण राय, वीरसिंह देव के दरबार की प्रसिद्ध गायिका थी, जिसकी केशवदास ने अपने ग्रंथों में बहुत प्रशंसा की है।
====कैसे पहुँचें====
====कैसे पहुँचें====
[[दिल्ली]], [[भोपाल]], [[इंदौर]] और [[मुंबई]] से इंडियन एयरलाइंस की नियमित उड़ानें [[ग्वालियर]] को जोड़ती हैं, जो नजदीकी हवाई अड्डा है। यह दिल्ली-मुंबई और [[दिल्ली]]-[[चेन्नई]] मुख्य रेलवे लाइनों पर स्थित है। [[उत्तर प्रदेश]] में [[झांसी]] (19 कि.मी.) ओरछा के लिए नजदिकी रेलवे स्टेशन है।<ref>{{cite web |url=http://www.mp.gov.in/web/guest/tourism3|title=ओरछा |accessmonthday=24 जुलाई|accessyear= 2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
[[दिल्ली]], [[भोपाल]], [[इंदौर]] और [[मुंबई]] से इंडियन एयरलाइंस की नियमित उड़ानें [[ग्वालियर]] को जोड़ती हैं, जो नजदीकी हवाई अड्डा है। यह दिल्ली-मुंबई और [[दिल्ली]]-[[चेन्नई]] मुख्य रेलवे लाइनों पर स्थित है। [[उत्तर प्रदेश]] में [[झांसी]] (19 कि.मी.) ओरछा के लिए नजदिकी रेलवे स्टेशन है।<ref>{{cite web |url=http://www.mp.gov.in/web/guest/tourism3|title=ओरछा |accessmonthday=24 जुलाई|accessyear= 2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
   
   
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==वीथिका==
==वीथिका==
<gallery>
<gallery>

Revision as of 06:28, 24 July 2013

ओरछा
विवरण 'ओरछा' मध्य प्रदेश में बेतवा नदी के किनारे स्थित है। मुग़ल बादशाह अकबर में यहाँ के राजा मधुकर शाह थे।
राज्य मध्य प्रदेश
स्थापना 1531 ई.
हवाई अड्डा ग्वालियर
संबंधित लेख वीरसिंहदेव बुंदेला, छत्रसाल, जहाँगीर, औरंगज़ेब


अन्य जानकारी ओरछा की रियासत वर्तमान काल तक बुंदेलखंड में अपना विशेष महत्त्व रखती आई है। यहाँ के राजाओं ने हिन्दी के कवियों को सदा प्रश्रय दिया है। महाकवि केशवदास वीरसिंहदेव के राजकवि थे।

ओरछा मध्य प्रदेश के बुन्देलखण्ड सम्भाग में बेतवा नदी के किनारे स्थित है। मध्य काल में यहाँ परिहार राजाओं की राजधानी थी। मुग़ल बादशाह अकबर में यहाँ के राजा मधुकर शाह थे, जिन्होंने मुग़लों के साथ कई युद्ध किए थे। औरंगज़ेब के राज्य काल में छत्रसाल की शक्ति बुन्देलखण्ड में बड़ी हुई थी। ओरछा के राजाओं ने कई हिन्दी कवियों को आश्रय प्रदान किया था। आज भी यहाँ पुरानी इमारतों के खंडहर बिखरे पड़े हैं।

इतिहास

परिहार राजाओं के बाद ओरछा चन्देलों के अधिकार में रहा था। चन्देल राजाओं के पराभव के बाद ओरछा श्रीहीन हो गया। उसके बाद में बुंदेलों ने ओरछा को राजधानी बनाया और इसने पुनः अपना गौरव प्राप्त किया। राजा रुद्रप्रताप (1501-1531 ई.) वर्तमान ओरछा को बसाने वाले थे। 1531 ई. में इस नगर की स्थापना की गई और क़िले के निर्माण में आठ वर्ष का समय लगा। ओरछा के महल भारतीचन्द के समय 1539 ई. में बनकर पूर्ण हुए और राजधानी भी इसी वर्ष पुरानी राजधानी गढ़कुंडार से ओरछा लायी गयी।

अकबर के समय यहाँ के राजा मधुकर शाह थे जिनके साथ मुग़ल सम्राट ने कई युद्ध किए थे। जहाँगीर ने वीरसिंहदेव बुंदेला को, जो ओरछा राज्य की बड़ौनी जागीर के स्वामी थे, पूरे ओरछा राज्य की गद्दी दी थी। वीरसिंहदेव ने ही अकबर के शासन काल में जहाँगीर के कहने से अकबर के विद्वान दरबारी अबुलफजल की हत्या करवा दी थी। शाहजहाँ ने बुन्देलों से कई असफल लड़ाइयाँ लड़ीं। किंतु अंत में जुझार सिंह को ओरछा का राजा स्वीकार कर लिया गया। बुन्देलखण्ड की लोक-कथाओं का नायक हरदौल वीरसिंहदेव का छोटा पुत्र एवं जुझार सिंह का छोटा भाई था। औरंगज़ेब के राज्यकाल में छत्रसाल की शक्ति बुंदेलखंड में बढ़ी हुई थी। ओरछा की रियासत वर्तमान काल तक बुंदेलखंड में अपना विशेष महत्त्व रखती आई है। यहाँ के राजाओं ने हिन्दी के कवियों को सदा प्रश्रय दिया है। महाकवि केशवदास वीरसिंहदेव के राजकवि थे।

ऐतिहासिक इमारतें

ओरछा में जिन पुरानी इमारतों के खंडहर हैं, उनमें मुख्य हैं-

  • जहाँगीर महल - जिसे वीरसिंहदेव ने जहाँगीर के लिए बनवाया था, यद्यपि जहाँगीर इस महल में वीरसिंहदेव के जीवन काल में कभी नहीं ठहर सका।

left|thumb|250px|जहाँगीर महल, ओरछा

  • केशवदास का भवन
  • प्रवीण राय का भवन - प्रवीण राय, वीरसिंह देव के दरबार की प्रसिद्ध गायिका थी, जिसकी केशवदास ने अपने ग्रंथों में बहुत प्रशंसा की है।

कैसे पहुँचें

दिल्ली, भोपाल, इंदौर और मुंबई से इंडियन एयरलाइंस की नियमित उड़ानें ग्वालियर को जोड़ती हैं, जो नजदीकी हवाई अड्डा है। यह दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-चेन्नई मुख्य रेलवे लाइनों पर स्थित है। उत्तर प्रदेश में झांसी (19 कि.मी.) ओरछा के लिए नजदिकी रेलवे स्टेशन है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

वीथिका

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ओरछा (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 24 जुलाई, 2013।

संबंधित लेख