पुलकेशी प्रथम: Difference between revisions

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Revision as of 06:28, 2 November 2010

  • पुलकेशी प्रथम दक्षिण में वातापी में चालुक्य वंश का प्रवर्तक था।
  • दक्षिणापथ में चालुक्य वंश के राज्य की स्थापना छठी सदी के मध्य भाग में हुई, जब कि गुप्त साम्राज्य का क्षय प्रारम्भ हो चुका था।
  • पुरानी अनुश्रुति के अनुसार चालुक्य लोग उत्तरी भारत के निवासी थे, और किसी समय उन्होंने अयोध्या में शासन किया था।
  • उनका प्राचीन इतिहास अन्धकार में है, पर यह निश्चित है, कि 543 ई. तक पुलकेशी नामक चालुक्य राजा वातापी (बीजापुर ज़िले में, बादामी) को राजधानी बनाकर अपने पृथक व स्वतंत्र राज्य की स्थापना कर चुका था।
  • उसने वातापी के समीपवर्ती प्रदेशों को जीत कर अपनी शक्ति का विस्तार किया था, और उसी उपलक्ष्य में अश्वमेध यज्ञ भी किया था। इस यज्ञ के अनुष्ठान से सूचित होता है, कि वह अच्छा प्रबल और दिग्विजयी राजा था।




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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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