अधिराजेन्द्र: Difference between revisions
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*उसके शासन काल में सर्वत्र विद्रोह शुरू हो गए, और इन्हीं के विरूद्ध संघर्ष करते हुए अपने राज्य के पहले साल में ही उसकी मृत्यु हो गई। | *उसके शासन काल में सर्वत्र विद्रोह शुरू हो गए, और इन्हीं के विरूद्ध संघर्ष करते हुए अपने राज्य के पहले साल में ही उसकी मृत्यु हो गई। | ||
*चोलवंश का अन्तिम राजा था। | |||
*अधिराजेन्द्र परांतक का वंशधर था। | |||
*अधिराजेन्द्र ने केवल तीन वर्ष (1072-74 ई.) तक राज्य किया और उसकी हत्या कर दी गई। | |||
*अधिराजेन्द्र शैव धर्मावलम्बी था और प्रसिद्ध वैष्णव आचार्य रामानुज से इतना द्वेष करता था कि उन्हें उसके राज्य काल में श्रीरंगम छोड़कर अन्यत्र चला जाना पड़ा। | |||
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Revision as of 11:50, 13 November 2010
- वीर राजेन्द्र के बाद उसका पुत्र अधिराजेन्द्र राजा बना।
- पर वह चोल साम्राज्य की शक्ति को अक्षुण्ण रखने में असमर्थ रहा।
- उसके शासन काल में सर्वत्र विद्रोह शुरू हो गए, और इन्हीं के विरूद्ध संघर्ष करते हुए अपने राज्य के पहले साल में ही उसकी मृत्यु हो गई।
- चोलवंश का अन्तिम राजा था।
- अधिराजेन्द्र परांतक का वंशधर था।
- अधिराजेन्द्र ने केवल तीन वर्ष (1072-74 ई.) तक राज्य किया और उसकी हत्या कर दी गई।
- अधिराजेन्द्र शैव धर्मावलम्बी था और प्रसिद्ध वैष्णव आचार्य रामानुज से इतना द्वेष करता था कि उन्हें उसके राज्य काल में श्रीरंगम छोड़कर अन्यत्र चला जाना पड़ा।
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