उत्पल वंश

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:14, 1 July 2018 by यशी चौधरी (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

उत्पल वंश (कश्मीर) के हिन्दू राज्य के विषय में कल्हण की 'राजतरंगिणी' से जानकारी मिलती है।

  • 800 से 1200 ई. के मध्य कश्मीर में तीन राजवंशों ने शासन किया, जिनका क्रम निम्न प्रकार से था-
  1. कर्कोटक वंश
  2. उत्पल वंश
  3. लोहार वंश
  • कश्मीर के उत्पल वंश की स्थापना अवन्तिवर्मन ने की थी। करकोट वंश के अंतिम राजा के हाथ से अवंतिवर्मन ने शासन की बागडोर छीनकर 'उत्पल राजवंश' का आरंभ किया था।
  • अवन्तिवर्मन का शासन काल 855 से 883 ई. तक था।
  • शंकर वर्मन ने 885 से 902 ई. तक अवन्तिवर्मन के बाद सिंहासनारूढ़ होकर अपने साम्राज्य विस्तार के अन्तर्गत दार्वाभिसार, त्रिगर्त एवं गुर्जर को जीता।
  • गोपाल वर्मन ने 902 से 904 ई.तक शंकर वर्मन के बाद कश्मीर पर शासन किया।
  • उत्पल राजवंश के राजाओं में अवंतिवर्मन और शंकर वर्मन सर्वाधिक प्रसिद्ध थे।
  • इस कुल के अंतिम राजा उन्मत्तावंती के अनौरस पुत्र सूरवर्मन द्वितीय ने केवल कुछ महीने ही राज किया।
  • उत्पल वंश का अंत मंत्री प्रभाकरदेव द्वारा हुआ, जिसके बेटे यश:कर को चुनकर ब्राह्मणों ने कश्मीर का राजा बना दिया था।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ओंकारनाथ उपाध्याय, हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2, पृष्ठ संख्या 85

सम्बंधित कडियाँ

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः