सत्याश्रय
- तैलप की मृत्यु के बाद सत्याश्रय चालुक्य राज्य का स्वामी बना।
- उसके शासन काल की मुख्य घटना चोल राज्य के अधिपति राजराज प्रथम की दिग्विजय है।
- राष्ट्रकूटों के शासन में चोल राज्य अनेक बार प्रतापी विजेताओं द्वारा आक्रान्त हुआ था।
- दक्षिणापथ में जब राष्ट्रकूटों की शक्ति क्षीण हुई, तो चोलों को अपने उत्कर्ष का अवसर मिल गया।
- राजराज प्रथम के रूप में वहाँ एक ऐसे वीर का प्रार्दुभाव हुआ, जिसने चोलशक्ति को बहुत बढ़ाया।
- चालुक्य राज सत्याश्रय चोल विजेता द्वारा बुरी तरह परास्त हुआ।
- पर राजराज प्रथम ने दक्षिणापथ में स्थिर रूप से शासन करने का प्रयत्न नहीं किया।
- अवसर पाकर सत्याश्रय फिर से स्वतंत्र हो गया।
- वह 997 से 1008 तक चालुक्य राज का स्वामी बना रहा।
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