चोल राजवंश

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:18, 10 January 2011 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
Jump to navigation Jump to search
  • वर्तमान समय के तंजोर, त्रिचनापली और पुदुकोटा के प्रदेशों में प्राचीन समय में 'चोलमण्डल' का राज्य था। जिसका क्षेत्र उसके राजा की शक्ति के अनुसार घटता-बढ़ता रहता था।
  • इस राज्य की कोई एक राजधानी नहीं थी।
  • भिन्न-भिन्न समयों में उरगपुर (वर्तमान उरैयूर, त्रिचनापली के पास) तंजोर और गंगकौण्ड चोलपुरम (पुहार) को राजधानी बनाकर इसके विविध राजाओं ने शासन किया।
  • चोलमण्डल का प्राचीन इतिहास स्पष्ट रूप से ज्ञान नहीं है।
  • पल्लव वंश के राजा उस पर बहुधा करते रहते थे, और उसे अपने राज्य विस्तार का उपयुक्त क्षेत्र मानते थे।
  • वातापी के चालुक्य राजा भी दक्षिण दिशा में विजय यात्रा करते हुए आक्रान्त करते रहे। यही कारण है, कि नवीं सदी के मध्य भाग तक चोल मण्डल के इतिहास का विशेष महत्व नहीं है, और वहाँ कोई ऐसा प्रतापी राजा नहीं हुआ, तो कि अपने राज्य के उत्कर्ष में विशेष रूप से समर्थ हुआ हो।
  1. विजयालय
  2. आदित्य (चोल वंश) 880 -
  3. परान्तक (908-949)
  4. राजराज प्रथम 985 - 1012
  5. राजेन्द्र प्रथम 1012 - 1044
  6. राजाधिराज 1044 - 1052
  7. राजेन्द्र द्वितीय 1052 - 1063
  8. वीर राजेन्द्र 1063 - 1070
  9. अधिराजेन्द्र 1070
  10. कुलोत्तुंग 1070 - 1122


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः