छेकानुप्रास अलंकार

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छेकानुप्रास - जहाँ अनेक व्यंजनों की एक बार स्वरूपत: व क्रमश: आवृत्ति हो, वहाँ 'छेकानुप्रास अलंकार' होता है।

उदाहरण-

रीझि रीझि रहसि रहसि हँसि हँसि उठै,
साँसैं भरि आँसू भरि कहत दई दई।

उपरोक्त पंक्तियों में 'रीझि-रीझि', 'रहसि-रहसि', 'हँसि-हँसि', और 'दई-दई' में छेकानुप्रास अलंकार है, क्योंकि व्यंजन वर्णों की आवृत्ति उसी क्रम और स्वरूप में हुई है।


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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